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ममता बनर्जी की सफाई- 'जय श्रीराम' से नहीं कोई दिक्कत, BJP ने किया सियासी इस्तेमाल

ममता बनर्जी ने कहा कि वह इन राजनीतिक नारों को जबरन थोपे जाने का सम्मान नहीं करती हैं, ये काम कथित तौर पर आरएसएस के नाम पर किया जा रहा है, जिसे बंगाल ने कभी स्वीकार नहीं किया है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों शिकस्त खा चुकी ममता ने कहा कि बीजेपी जानबूझकर नफरत की विचारधारा को तोड़फोड़ और हिंसा के जरिए फैलाने की कोशिश कर रही है, इसे हमें एक साथ मिलकर रोकना चाहिए.

पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (फोटो-twitter/AITCofficial) पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी (फोटो-twitter/AITCofficial)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 जून 2019,
  • अपडेटेड 11:36 PM IST

पश्चिम बंगाल में जय श्रीराम नारे को लेकर बढ़ते विवाद के बीच मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सफाई दी है. ममता बनर्जी ने कहा कि उन्हें किसी भी राजनीतिक दल के नारे से कोई दिक्कत नहीं है. उन्होंने कहा कि वो जय सिया राम, जय राम जी की, जैसे धार्मिक नारों के पीछे भावनाओं को समझती हैं, लेकिन बीजेपी जय श्री राम के नारे का इस्तेमाल पार्टी स्लोगन के तौर पर कर रही हैं और ऐसे राजनीतिक नारों को थोपने की किसी कोशिश को हम बर्दाश्त नहीं करेंगे.

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एक लंबे फेसबुक पोस्ट में ममता बनर्जी ने कहा कि वो लोगों को बताना चाहती हैं कि बीजेपी के समर्थक फेक वीडियो, फेक न्यूज के जरिए गलत सूचनाएं फैला रहे हैं. इससे भ्रम फैल रहा है और सच्चाई छुपाई जा रही है. ममता बनर्जी ने कहा कि राजा राम मोहन राय से लकेर विद्यासागर तक बंगाल महान समाज सुधारकों का स्थल रहा है, लेकिन बीजेपी अपनी रणनीति के जरिए बंगाल में नकारात्मकता फैला रही है.

ममता ने कहा कि अगर कोई पार्टी अपनी रैलियों में कोई खास नारा लगाती है तो उन्हें कोई दिक्कत नहीं है. ममता ने लिखा, "हर राजनीतिक दल का अपना नारा है, मेरी पार्टी का नारा जय हिंद और वंदे मातरम है, वामदल इंकलाब जिंदाबाद कहते हैं, दूसरी पार्टियों का दूसरा नारा है, हम एक दूसरे का सम्मान करते हैं." बीजेपी पर धर्म और राजनीति का घालमेल करने का आरोप लगाते हुए ममता ने आगे लिखा, "जय सिया राम, जय राम जी की, राम नाम सत्य है इन नारों का धार्मिक और सामाजिक अर्थ है, हम इन भावनाओं का सम्मान करते हैं, लेकिन बीजेपी धार्मिक नारा जय श्री राम का राजनीतिक नारे के तौर पर इस्तेमाल कर रही है और वो ऐसा कर धर्म और राजनीति को मिला कर रही है."

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ममता बनर्जी ने कहा कि वह इन राजनीतिक नारों को जबरन थोपे जाने का सम्मान नहीं करती हैं, ये काम कथित तौर पर आरएसएस के नाम पर किया जा रहा है, जिसे बंगाल ने कभी स्वीकार नहीं किया है. लोकसभा चुनाव में बीजेपी के हाथों शिकस्त खा चुकी ममता ने कहा कि बीजेपी जानबूझकर नफरत की विचारधारा को तोड़फोड़ और हिंसा के जरिए फैलाने की कोशिश कर रही है, इसे हमें एक साथ मिलकर रोकना चाहिए.

ममता ने आगाह करते हुए कहा कि वक्त आ गया है कि ऐसी हिंसा, अव्यवस्था फैलाने वाले लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाए. उन्होंने कहा कि जो लोग दूषित विचारधारा फैलाने के लिए धर्म का इस्तेमाल करते हैं उन्हें जवाब दिया जाना जरूरी है. उन्होंने कहा कि अगर सभी राजनीतिक पार्टियां इन विभाजनकारी कामों में लग जाएं तो माहौल बेहद नकारात्मक हो जाएगा. ममता ने कहा कि हम सभी लोगों को मिलकर बीजेपी के ऐसे कदमों का विरोध करना चाहिए ताकि संविधान के मुताबिक देश का सेकुलर चरित्र बरकरार रह सके.

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