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बिमान बोस: जनआंदोलन और वामपंथ को समर्पित नेता

बिमान बोस की भागीदारी को देखते हुए 1957 में सीपीएम पार्टी सदस्यता के लिए उनकी सिफारिश की गई, जबकि 1958 में 18 साल पूरे होने के बाद उन्हें सदस्यता मिली.

बिमान बोस बिमान बोस
स्‍वपनल सोनल
  • नई दिल्ली,
  • 03 अप्रैल 2016,
  • अपडेटेड 4:32 AM IST

पश्चि‍म बंगाल में लेफ्ट फ्रंट कमिटी के अध्यक्ष बिमान बोस राज्य के वामपंथी नेताओं की सूची में सबसे अगली पंक्ति‍ से ताल्लुक रखते हैं. बल्कि यूं कहा जाए तो इस बार बिमान बोस के ऊपर बंगाल में लेफ्ट के खोए जनाधार को वापस दिलाने की जिम्मेदारी है.  75 साल के बोस लंबे समय तक राज्य में कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सि‍स्ट) के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे हैं. बिमान बोस पोलित ब्यूरो के भी सदस्य हैं.

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जानिए, बिमान बोस के राजनीतिक जीवन की कुछ प्रमुख बातें-

- बिमान बोस का जन्म कोलकाता में 1 जुलाई 1940 को हुआ.

- अपने स्कूली दिनों से ही वह सामाजिक कार्यों और राजनीतिक गतिविधियों में दिलचस्पी लेने लगे.

- उन्होंने कलकत्ता यूनिवर्सिटी के प्रतिष्ठि‍त मौलाना आजाद कॉलेज से पढ़ाई की है.

- अपने स्कूल के दिनों में ही उन्होंने 1954 के उपचुनाव में चुनावी अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई.

- बिमान बोस की भागीदारी को देखते हुए 1957 में पार्टी सदस्यता के लिए उनकी सिफारिश की गई, जबकि 1958 में 18 साल पूरे होने के बाद उन्हें सदस्यता मिली.

- इस बीच उन्होंने 1956 में बंगाल-बिहार के विलय के खि‍लाफ आंदोलन में भी हिस्सेदारी की.

- सीपीएम की सदस्यता मिलने के बाद बिमान बोस ने 1959 में फूड मूवमेंट में भी हिस्सा लिया.

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- आंदोलनों में हिस्सेदारी के दौरान वह 1958 में एक बार जेल भी गए.

- बिमान बोस कोलकाता जिले के बंगाल प्रांतीय स्टूडेंट्स फेडरेशन के सचिव रहे हैं.

- साल 1964 में वह बंगाल प्रांतीय स्टूडेंट्स फेडरेशन के उपाध्यक्ष भी बने.

- मध्य 1960 तक बिमान बोस भारत-वियतनाम एकता समिति के सहायक सचिव रहे.

- साल 1970 में वह स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के अखिल भारतीय सचिव चुने गए.

- साल 1971 में बिमान बोस को सीपीएम के पश्चि‍म बंगाल राज्य समिति का सदस्य बनाया गया, जबकि 1978 में वह इसके सचिवालय सदस्य बने.

- साल 1985 में उन्हें सीपीएम सेंट्रल कमिटी का सदस्य चुना गया और 1998 में बिमान बोस पोलित ब्यूरो के सदस्य चुने गए.

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