
पश्चिम बंगाल में गोरखालैंड की मांग को लेकर आंदोलन बेहद उग्र हो गया है. मामले की गंभीरता को देखते हुए दार्जिलिंग और ऊपर के इलाकों में सेना तैनात कर दी गई है. सेना की तैनाती के बाद गोरखा जनमुक्ति मोर्चा ने पहाड़ी इलाकों से फौज को वापस भेजे जाने की मांग की है.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के सेंट्रल कमेटी मेंबर स्वराज थापा ने कहा कि अगर सेना को वापस भेजा जाता है, तो समस्या क्यों विकराल होगी? उनका आरोप है कि पहाड़ों में अहिंसा राज्य सरकार द्वारा रची गई है. अलग गोरखालैंड गिर्राज एक वैध और संवैधानिक मांग है. गोरखालैंड टेरीटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन के पूर्व प्रधान सलाहकार और गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के सेंट्रल कमेटी मेंबर स्वराज थापा दिल्ली आए हुए हैं और अलग गोरखालैंड राज्य के लिए राजनीतिक दलों के लोगों से मुलाकात करके समर्थन जुटाना चाहते हैं.
बंगाल के ऊपरी पहाड़ी इलाकों में गोरखालैंड समर्थकों और प्रशासन के बीच तनातनी और बदतर होती स्थिति के सवाल पर थापा ने कहा कि हिंसा के लिए बंगाल सरकार जिम्मेदार है ना कि गोरखालैंड आंदोलनकारी. उन्होंने कहा कि जैसे आंध्र प्रदेश से तेलंगाना अलग हुआ, उत्तर प्रदेश और बिहार का बंटवारा हुआ उसी तरह पश्चिम बंगाल का भी बंटवारा करके गोरखालैंड राज्य बनाना चाहिए, क्योंकि यह एक पूर्व राजनीतिक मांग है.
थापा का आरोप है कि राज्य सरकार गोरखालैंड के आंदोलन को सिर्फ कानून व्यवस्था का मसला बनाना चाहती है, लेकिन पुलिस फायरिंग में हुई 4 मौतों के बाद मैंने गोरखालैंड टेरीटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन से इस्तीफा दे दिया है. मैं ऐसे किसी संस्था के साथ काम नहीं कर सकता हूं, जो उस राज्य सरकार के अंदर काम करती है, जिन्होंने इस पूरी हिंसा को अंजाम दिया.
गोरखा जनमुक्ति मोर्चा के मुखिया विमल गुरुंग के घर पुलिस की छापेमारी में हथियारों की बरामदगी पर थापा ने कहा, 'क्या आपने सोचा है कि जिस तरह के हथियार विमल गुरुंग के घर से बरामद हुए, उन हथियारों से आंदोलन चलाया जा सकता है? इन हथियारों में डंडे थे, तीर और धनुष थे, उनमें ऐसे तीर थे, जिसमें प्लास्टिक के कांटे लगे थे, जिनसे किसी की जान जाना तो दूर कोई घायल भी नहीं हो सकता है.'
थापा ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार ने आंदोलनकारियों के खिलाफ गलत तरीके से शक्ति का इस्तेमाल किया है और हिंसा के लिए पूरी तरह से बंगाल सरकार जिम्मेदार है.