
पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी सरकार और राज्यपाल जगदीप धनखड़ के बीच खींचतान जारी है. राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को चार पन्नों की चिट्ठी भेजी है. उन्होंने ममता बनर्जी पर पश्चिम बंगाल को ‘पुलिस स्टेट’ में बदल देने का आरोप लगाया. साथ ही ये भी कहा कि ममता बनर्जी का संवैधानिक मानकों को लेकर गैर वाजिब नजरिया ‘अधिनायकवाद’ को दर्शाता है.
राज्यपाल ने चिट्ठी में संस्कृत के श्लोकों का हवाला भी दिया. उन्होंने लिखा है, “दुर्भाग्य से पश्चिम बंगाल ‘पुलिस स्टेट’ के तौर पर उभर रहा है. राज्य में जो सत्तारूढ़ हैं. बिना उनके मन के मुताबिक सोशल मीडिया पर कोई पोस्ट करता है तो उसके दरवाजे पर पुलिस पहुंच जाती है.
'परेशान लोगों को राहत देने के लिए आगे आना चाहिए'
राज्यपाल के मुताबिक, ये मुख्यमंत्री के लिए असलियत को समझने का वक्त है और उन्हें कोरोना वायरस महामारी से परेशान लोगों को राहत देने के लिए आगे आना चाहिए. चिट्ठी में राज्यपाल ने Covid-19 दौर को लेकर हुए संवाद का विस्तृत जवाब दिया है. ये खींचतान शब्दों के संग्राम में तब्दील हो गई नजर आती है.
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राज्यपाल के मुताबिक, संकट (Covid-19) की तीव्रता को देखते हुए हाथ पकड़ कर चलना समय की जरूरत है. उन्होंने विभिन्न स्थानों पर हिंसक आंदोलनों और राज्य में पीडीएस सिस्टम के राजनीतिकरण पर भी चिंता व्यक्त की.
'लोग इस भयावह रुख को लेकर सदमे में हैं'
राज्यपाल ने चिट्ठी में लिखा, "कुछ क्षेत्रों से Covid-19 मरीजों के शवों को जिस तरह असंवेदनशील तरीके से हैंडल करने संबंधी जो रिपोर्ट आई हैं, वो हैरान करने वाली हैं. लोग इस भयावह रुख को लेकर सदमे में हैं. उनकी भावनाओं को ठेस पहुंची है. हम कभी इस अनैतिक गाथा से बाहर नहीं आ पाएंगे. यह लंबे समय तक हमें डराएगा.”
'ये वक्त राजनीतिक दलों के साथ एकजुटता का'
ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए राज्यपाल ने उनके बयानों को दुर्भाग्यपूर्ण भी कहा. राज्यपाल धनखड़ ने लिखा, आपके दुर्भाग्यपूर्ण बयान कि ‘राजनीतिक दल शवों के इंतजार में बैठे गिद्ध हैं’ से राजनीतिक दलों में अच्छा संदेश नहीं गया, क्योंकि सभी राजनीतिक दलों ने सरकार को Covid-19 का मुकाबला करने के लिए बिना शर्त समर्थन दिया.
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राज्यपाल ने आगे लिखा, यह सही नहीं ठहराया जा सकता कि एक तरफ विपक्ष की राजनीतिक गतिविधियों को रोका जाए, क्वारनटीन कर दिया जाए और दूसरी ओर आपकी पार्टी के लिए वर्चुअल फ्री रन है. ये वक्त राजनीतिक दलों के साथ एकजुटता का है.
'कौन सरकार और सिंडिकेट चलाता है'
राज्यपाल ने ऐसे आरोपों को खारिज किया कि वे समानांतर सरकार चलाने की कोशिश कर रहे हैं. राज्यपाल ने चिट्ठी में लिखा है, कड़वा सच ये है कि राज्य में सिर्फ लोग जानते हैं और अच्छी तरह जानते हैं कि राज्य में कौन हड़पने वाला है और कौन सत्ता का गैर-संवैधानिक फव्वारा है.
आगे लिखा, कौन सरकार और सिंडिकेट चलाता है? कौन है यह एबीसीडी! एक खुला राज़! निश्चित रूप से मैं नहीं हूं, मैं आपको आश्वस्त कर सकता हूं कि मैं राज्य के मामलों को लेकर खासा अपडेट हूं. पश्चिम बंगाल राज्य के लोगों को नाकाम नहीं करूंगा, जिनकी सेवा के लिए मैं संविधान के अनुच्छेद 159 के तहत ली गई शपथ के तहत संवैधानिक रूप से नियुक्त किया गया हूं.
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राज्यपाल ने सोशल मीडिया का हवाला देते हुए लिखा “राजनीतिक विचारों की अभिव्यक्ति को सरकार नियंत्रण में लेना चाहती है. ये बात पत्रकारों पर भी लागू होती है. जितने दबाव में वो अब हैं पहले कभी नहीं थे.”