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बंगाल पंचायत चुनाव में हिंसा जारी, TMC ने राज्यपाल से मिलने का समय मांगा

पश्चिम बंगाल में 1 मई, 3 मई और 5 मई को क्रमशः वोट डाले जाएंगे, जबकि 8 मई को नतीजों की घोषणा होगी. हालांकि दोनों दलों के बीच हुई झड़प में एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत हो गई है, बीजेपी का दावा है कि इसके पीछे टीएमसी का हाथ है.

ममता बनर्जी ममता बनर्जी
नंदलाल शर्मा/इंद्रजीत कुंडू
  • कोलकाता ,
  • 05 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST

पश्चिम बंगाल के पंचायत चुनाव में हिंसा के मामले लगातार सामने आ रहे हैं. पंचायत चुनाव नॉमिनेशन के लगातार दूसरे दिन हिंसा की खबरें आई हैं. सोशल मीडिया पर तैर रहे एक वीडियो में तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ता बीजेपी उम्मीदवार को पीटते हुए दिखाई दे रहे हैं.

इस बीच टीएमसी ने बीजेपी के खिलाफ शिकायत करने के लिए राज्यपाल से मिलने का समय मांगा है. वहीं बीजेपी पंचायत चुनावों में केंद्रीय बलों की तैनाती की मांग कर रही है.

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बता दें कि पश्चिम बंगाल में 1 मई, 3 मई और 5 मई को क्रमशः वोट डाले जाएंगे, जबकि 8 मई को नतीजों की घोषणा होगी. हालांकि दोनों दलों के बीच हुई झड़प में एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत हो गई है, बीजेपी का दावा है कि इसके पीछे टीएमसी का हाथ है.

कहा जा रहा है कि बांकुरा के रानीबांध में टीएम कार्यकर्ताओं के हमले में एक बीजेपी कार्यकर्ता की मौत हो गई है. बीजेपी कार्यकर्ता अजीत मुर्मु को बांकुरा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था, जहां उसकी मौत हो गई.

रिपोर्ट्स के मुताबिक बीजेपी कैंडिडेट अजीत मुर्मू को कथित तौर पर टीएमसी के गुंडों ने बीडीओ ऑफिस जाते हुए रोका था. मुर्मू ग्राम पंचायत इलेक्शन के लिए अपना नामांकन पत्र लेने गए थे. घटना के बाद बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध में सड़क जाम कर दिया.

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राजनीतिक पार्टी की इकाई के रूप में काम कर रहा है राजभवनः TMC

तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को आरोप लगाया कि राजभवन ‘एक राजनीतिक पार्टी की एक इकाई के रूप में’ काम कर रहा है. तृणमूल कांग्रेस का आरोप है कि विपक्षी उम्मीदवार पश्चिम बंगाल में अगले महीने होने वाले पंचायत चुनावों के लिए नामांकन दाखिल करने से सत्तारूढ़ पार्टी के कार्यकर्ताओं को रोक रहे हैं.

टीएमसी के महासचिव पार्थ चटर्जी ने कहा, ‘‘जिस तरह से राजभवन एकतरफा सूचनाओं पर दूसरों के विचारों को ध्यान में रखे बिना एकतरफा ढंग से काम कर रहा है, ऐसा लगता है कि यह एक राजनीतिक दल की इकाई के रूप में काम कर रहा है.’’

हालांकि, राज्यपाल केएन त्रिपाठी ने कहा, ‘‘राज्यपाल राज्य के लोगों का संरक्षक होता है और वह राज्य में घटित चीजों पर संज्ञान ले सकते है.’’

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