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बंगाल हिंसा पर याचिका, CJI बोले- राजनीतिक स्कोर बढ़ाने के लिए ना करें कोर्ट का इस्तेमाल

बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और भारतीय जनता पार्टी में जारी राजनीतिक लड़ाई सोमवार को सर्वोच्च अदालत पहुंच गया. एक याचिका की सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत का इस्तेमाल राजनीतिक मसलों को निपटाने के लिए ना करें.

चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे (फोटो: PTI) चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे (फोटो: PTI)
अनीषा माथुर
  • नई दिल्ली,
  • 27 जनवरी 2020,
  • अपडेटेड 1:38 PM IST

  • सुप्रीम कोर्ट में बंगाल हिंसा पर याचिका
  • CJI बोले- सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल ना करें लोग
  • बीजेपी नेता गौरव भाटिया की याचिका

पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं के बीच लंबे समय से हिंसा जारी है. ये मामला सोमवार को सुप्रीम कोर्ट पहुंचा. एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने बड़ी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि दोनों पक्ष सुप्रीम कोर्ट का इस्तेमाल अपने राजनीतिक मसलों को निपटाने के लिए कर रहे हैं. CJI ने कहा कि बेहतर होगा कि आप टीवी स्क्रीन पर अपना स्कोर बराबर करें.

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बंगाल में हो रही राजनीतिक हिंसा के मसले पर बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने याचिका दायर की. इस मामले की सुनवाई के लिए एक ओर से गौरव भाटिया और दूसरी ओर से कपिल सिब्बल पेश हुए. याचिका में लगातार बीजेपी नेताओं की हत्या का मामला उठाया गया.

इसी पर टिप्पणी करते हुए चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कहा कि हमें दिख रहा है कि दो विपक्षी दल कोर्ट का इस्तेमाल अपने राजनीतिक स्कोर को बराबर करने में कर रहे हैं. चीफ जस्टिस ने कहा कि बेहतर होगा कि दोनों एक टीवी चैनल में जाएं और अपने राजनीतिक स्कोर को बराबर करें.

कपिल सिब्बल सुप्रीम कोर्ट में पश्चिम बंगाल की ओर से पेश हुए. उन्होंने अदालत से अपील करते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को इस मसले को जांचना चाहिए कि क्या किसी राजनीतिक पार्टी इस तरह की PIL दाखिल करनी चाहिए.

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हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने बाद में इस याचिका पर बंगाल सरकार को नोटिस दिया है और चार हफ्ते में जवाब देने को कहा है. याचिका दायर की गई थी कि बीजेपी नेता दुलाल कुमार की हत्या के पीछे राजनीतिक मंशा थी, अब इसमें सीबीआई जांच होनी चाहिए.

इसे पढ़ें: बंगाल हिंसा: गृह मंत्रालय की एडवाइजरी पर ममता सरकार की दो टूक- हालात काबू में

पंचायत चुनाव से जारी है बंगाल में हिंसा

बता दें कि पश्चिम बंगाल में पिछले लंबे समय से राजनीतिक हिंसा बढ़ी है. पहले पंचायत चुनाव और उसके बाद लोकसभा चुनाव के दौरान कई मौकों पर टीएमसी और बीजेपी के कार्यकर्ता आमने-सामने आए. कई बार कार्यकर्ताओं ने पोलिंग बूथों को लूटा तो देसी बम फेंक कर हमला किया.

पिछले कुछ समय में बंगाल में बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के कार्यकर्ताओं की हत्या के मामले भी सामने आए हैं. जिसपर बीजेपी ने टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर आरोप लगाया. वहीं टीएमसी का आरोप है कि बीजेपी बंगाल में पैर पसारने के लिए माहौल बिगाड़ने का काम कर रही है.

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