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कोलकाता में विवेकानंद फ्लाईओवर गिरने के हादसे के कारण पसरे दुखों के बीच प्रदेश विधानसभा चुनाव में पहले चरण के लिए प्रचार शनिवार को थम गया. माओवाद प्रभावित मिदनापुर, पुरुलिया और बांकुड़ा जिलों के 18 सीटों पर 4 अप्रैल को मतदान होना है. इसके लिए 133 प्रत्याशी मैदान में हैं. प्रदेश में विधानसभा चुनाव छह चरणों में होने हैं.
नक्सलियों के एकजुट होने की खबर
पश्चिम बंगाल में जंगलमहल इलाके के तीन वामपंथी चरमपंथी गुटों के फिर से एकजुट होने की खबरों के बीच नक्सल प्रभावित बांकुरा, पुरुलिया और पश्चिमी मिदनापुर जिलों में विधानसभा चुनाव के तहत सोमवार को पहले चरण का मतदान होगा. प्रदेश के तीन पश्चिमी जिलों के 13 विधानसभा क्षेत्रों में सोमवार को पहले चरण के तहत मतदान होना है. अभी बहुत दिन नहीं बीते यह क्षेत्र साल 2006 से 2009 के बीच नक्सली गतिविधियों का केंद्र था.
नक्सलियों ने की चुनाव बहिष्कार की अपील
नक्सली नेता कोटेश्वर राव उर्फ किशनजी की वर्ष 2011 के नवंबर में सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में मौत के बाद शांत पड़े नक्सलियों ने चुनाव बहिष्कार की अपील की है. नक्सलियों ने राज्य की ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस वाली सरकार के शासन को जंगलमहल के जिलों में 'आतंक का राज' करार दिया है.
सुरक्षा के तगड़े इंतजाम
4 अप्रैल के मतदान के लिए कुल 4,945 मतदान केन्द्र बनाए गए हैं. जिनमें से चुनाव आयोग ने 1,962 को संवेदनशील करार दिया है. केन्द्रीय और राज्य बलों की कड़ी सुरक्षा के बीच सुबह सात बजे से मतदान शुरू होगा. सुरक्षा कारणों से कुछ सीटों पर मतदान शाम चार बजे बंद हो जाएगा जबकि अन्य पर शाम छह बजे तक चलेगा.
तीसरी आंख से वोटिंग पर नजर
चुनावी प्रक्रिया की निगरानी के लिए 14 सामान्य पर्यवेक्षक, 676 माइक्रो पर्यवेक्षक, 202 डिजिटल कैमरा, 642 वीडियो कैमरा, 210 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. वामपंथी, चरमपंथ से प्रभावित क्षेत्रों के मतदान केन्द्रों पर चुनाव आयोग ने बलों का एक हिस्सा तैनात किया है. इस चरण के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ममता बनर्जी, पश्चिम बंगाल में विपक्ष के नेता सूज्र्या कांत मिश्र और कांग्रेस सांसद और प्रवक्ता राज बब्बर ने जमकर चुनाव प्रचार किया था.