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हम अपनी जिंदगी का क्वालिटी टाइम अपने दफ्तर में और कलीग्स के साथ बिताते हैं, तो जरूरी हो जाता है कि हम उनसे कुछ सीखते भी चलें. ऐसे में पेश हैं कुछ बेहद जरूरी सुझाव...
1. टेक्नोलॉजी फ्रेंडली होना:
ऐसा हम-सभी के साथ होता है कि किसी नई जगह पर काम शुरू करने पर आप सारी चीजों से वाकिफ नहीं होते, लेकिन वर्कप्लेस पर ऐसे लोग जरूर मौजूद होते हैं जो टेक्नोलॉजी के मामले में अपडेट रहते हैं. किसी से मदद मांगने में कोई बेइज्जती नहीं है. आप भी झटपट टेक्नोलॉजी से दोस्ती कर बैठेंगे.
2. मौन साधना:
कहते हैं कि मौन से खूबसूरत कोई शब्द नहीं होता. आपके ऑफिस में कुछ लोग ऐसे जरूर होंगे जिनका मौन उनके शब्दों से ज्यादा प्रभावी होता है. आप उनसे शब्दों और इमोशन्स दूसरों के सामने प्रेजेंट करना सीख सकते हैं. यकीन मानिए, ऐसा कर लेने मात्र से आप भीड़ में अलग दिखलाई पड़ेगे.
3. जरूरत पड़ने पर जरूर बोलना:
ऐसा कई बार होता है कि ग्रुप मीटिंग्स और आइडिया डिस्कशन में हमारे पास ढेरों बातें होती हैं लेकिन हम कुछ भी बोलने से कतराते हैं. वहीं हमारे ऐसे भी कलीग्स होते हैं जो हमारे आइडियाज पर ही बॉस के चहेते बने रहते हैं. हमें इस बात को समझने की जरूरत है कि हमेशा बक-बक करने के बजाय समय पर मुंह खोलना कितना जरूरी है. आखिर नौकरी और तरक्की का मामला है.
4. प्रोफेशनलिज्म:
इस बात को पूरी समझदारी से समझने की जरूरत है कि दोस्ती-यारी के इतर काम भी जिंदगी का हिस्सा है. जहां हम अपनी वास्तविकता के इतर मौजूद होते हैं. ऐसे में हमें अपने कलीग्स से प्रोफेशनलिज्म को जरूर सीख लेना चाहिए. कब किससे बोलना है और कब नहीं. कितना बोलना है और कब बोलते-बोलते रुक जाना है. दफ्तर में कलीग्स, जूनियर और सीनियर से किस तरह बिहेव करना है. यह सब-कुछ प्रोफेशनलिज्म के दायरे में आता है.
5. ड्रेसिंग सेंस:
गौरतलब है कि एक अच्छी ड्रेस आपके कॉन्फिडेंस में ठीक उसी तरह इजाफा करती है जिस तरह भूखे रहने पर घर का खाना आपके एनर्जी लेवल में इजाफा करता है. अच्छे और साफ-सुथरे कपड़े पहनने वाले कलीग्स को सभी नोटिस करते हैं, और ऐसा कौन सा इंसान होगा जो दूसरों की नजरों में न आना चाहे.