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क्या है कोरोना-5G कॉन्सपिरेसी थ्योरी? ब्रिटेन में जलाए गए 5G टावर

कोरोना वायरस को लेकर 5G से जुड़ी एक कॉन्सपिरेसी थ्योरी चल रही है. इस वजह से ब्रिटेन में कुछ 5G टावर्स लोगों ने जला दिए और ब्रॉडबैंड इंजीनियर्स को धमकियां भी दी हैं.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 06 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 2:28 PM IST

कोरोना वायरस (Covid-19) को लेकर दुनिया भर में कई तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरीज चल रही हैं. कुछ का कहना है कि ये बायो वेपन है जिसे चीन ने बनाया है तो कई लोगों का मानना है कि ये 5G की वजह से हो रहा है. कई जगहों पर 5G वाली कॉन्सपिरेसी थ्योरी पर ज्यादा भरोसा किया जा रहा है और YouTube पर इस तरह के सैकड़ों वीडियोज बनाए जा चुके हैं.

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मोबाइल टावर्स को बनाया जा रहा निशाना

गार्डियन की एक रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते ब्रिटेन के बर्मिंघम में कुछ लोगों ने 7 मोबाइल टावर्स में आग लगा दी. इतना ही नहीं जो लोग इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी पर यकीन रखते हैं उनमे से कुछ ने ब्रॉडबैंड इंजीनियर्स को अपशब्द भी कहे हैं. यहां तक कि इस रिपोर्ट में कहा गया है कि उन्हें धमकियां भी दी गई हैं.

क्या है कोरोना और 5G कॉन्सपिरेसी थ्योरी?

सोशल मीडिया, इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप्स और यूट्यूब पर ऐसे कॉन्टेंट की भरमार है जहां बताया जा रहा है कि 5G की वजह से कोरोना वायरस फैला है. 5G की बात करें तो ये सेल्यूलर डेटा नेटवर्क सपोर्ट वाली 5th जेनेरेशन वायरलेस कम्यूनिकेशन टेक्नलॉजी है. इसे पिछले साल यानी 2019 में बड़े पैमाने पर ट्रायल के लिए शुरू किया गया है.

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दो तरह की कॉन्सपिरेसी थ्योरीज हैं

मोटे तौर पर कोरोना और 5G कॉन्सपिरेसी दो तरह की चल रही है. हालांकि इस तरह के फेसबुक पोस्ट जनवरी के आखिर से शेयर किए जा रहे हैं. इस थ्योरी पर यकीन करने वाले दो तबके हैं.

पहला तबका ये दावा करता है कि 5G से इम्यून सिस्टम कमजोर होता है और ऐसे में लोग वायरस की चपेट में जल्दी आ जाते हैं. दूसरा तबका यानी इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी को शेयर करने वाला तबका ये मानते है कि यह 5G टेक्नलॉलजी से वायरस ट्रांसमिट हो रहा है.

इस कॉन्सपिरेसी पर यकीन रखने वाले लोगों का मोटे तौर पर ये मानना है कि 5G सिग्नल की वजह ही कोरोना बढ़ रहा है और अब ये एक महामारी बन चुका है. लेकिन क्या ऐसा सच में है?

वैज्ञानिकों ने इसे 'बकवास' बताया है

बीबीसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक सेल्यूलर माइक्रोबायोलॉजी के एक एसोसिए प्रोफेसर डॉ. सिमॉन क्लार्क ने कहा है कि दोनों तरह की बातें बिल्कुल बकवास हैं. उनका ये भी कहना है कि 5G से लोगों के इम्यून सिस्टम पर असर पड़ता है ये कहना भी गलत होगा.

इनके अलावा भी कई एक्सपर्ट्स और वैज्ञानिकों ने भी इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी को गलत बताया है और कहा है कि अब तक ऐसा कुछ भी सामने नहीं आया है जिससे ये साबित किया जा सके की कोरोना वायरस फैलने की वजह 5G है.

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5G और कोरोना कॉन्सपिरेसी वाले पोस्ट की रीच कम की जाएगी

अब टेक कंपनियां भी कोरोना और 5G की इस कॉन्सपिरेसी थ्योरी वाले पोस्ट और वीडियो की रीच कम करने की तैयारी में हैं. वीडियो प्लेटफॉर्म YouTube ने कहा है कि कंपनी उन कॉन्टेंट को सप्रेस करेगी जिसमें 5G और कोरोना वायरस की कॉन्सेपिरेसी थ्योरी के बारे में बताया जा रहा है.

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