
निर्भया गैंगरेप केस के चारों दोषियों को फांसी पर लटकाए जाने की तारीख तय हो चुकी है लेकिन दोषियों की कोशिश इस बात की है कि फांसी की सजा में और देरी होती जाए. इस कड़ी में दोषियों की ओर से एक और कोशिश की जा रही है क्यूरेटिव पिटीशन के जरिए. 4 में से एक दोषी विनय कुमार शर्मा की ओर से आज गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में पिटीशन दाखिल कर दी गई.
निर्भया केस के 4 दोषियों में से एक विनय कुमार शर्मा की ओर से गुरुवार को क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल कर दी गई है. विनय शर्मा की ओर से दाखिल याचिका में कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट को इस बात पर विचार करना चाहिए कि घटना के समय वह केवल 19 साल का था. युवावस्था और सामाजिक आर्थिक पृष्ठभूमि को मामले की गंभीरता कम करने फैक्टर्स के रूप में लिया जाना चाहिए.
उसकी ओर से कहा गया कि सुप्रीम कोर्ट ने बलात्कार और हत्या से जुड़े 17 अन्य मामलों में मौत की सजा को आजीवन कारावास में बदला है, जिसमें नाबालिग भी शामिल हैं. इस तरह से विनय को भी राहत दी जानी चाहिए.
क्या है क्यूरेटिव पिटीशन
क्यूरेटिव पिटीशन (उपचार याचिका) पुनर्विचार (रिव्यू) याचिका से थोड़ा अलग होता है. इसमें फैसले की जगह पूरे केस में उन मुद्दों या विषयों को चिन्हित किया जाता है जिसमें उन्हें लगता है कि इन पर ध्यान दिए जाने की जरूरत है.
क्यूरेटिव पिटीशन मामले पर वकील एपी सिंह ने पिछले दिनों कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में 5 सीनियर मोस्ट जज सुनवाई करेंगे. इस केस को लेकर शुरू से ही मीडिया, जनता और राजनीतिक दबाव था. इस केस की जांच निष्पक्षता के साथ नहीं की गई.
पटियाला हाउस कोर्ट ने 7 जनवरी (मंगलवार) को चारों दोषियों के लिए फांसी की तारीख 22 जनवरी की सुबह 7 बजे तय करने के बाद डेथ वॉरंट जारी कर दिया था. कोर्ट के इस फैसले के बाद दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा था कि वह सुप्रीम कोर्ट में फैसले के खिलाफ क्यूरेटिव पिटीशन दायर करेंगे. हालांकि डेथ वॉरेंट जारी करते हुए पटियाला हाउस कोर्ट इस फैसले को चुनौती देने के लिए चारों को 7 दिन का वक्त दिया था.
दया को लेकर एक और विकल्प
विनय कुमार शर्मा की ओर से क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल किए जाने के बाद अगर सुप्रीम कोर्ट इस पिटीशन पर सुनवाई करता है और अगले 12 दिनों के भीतर इस पर फैसला नहीं आता तो फांसी की तारीख आगे बढ़ सकती है.
क्यूरेटिव पिटीशन के अलावा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के पास भी इन दोषियों की दया याचिका लंबित है. अगर राष्ट्रपति कोविंद इन दोषियों की दया याचिका पर अगले 12 दिनों में फैसला नहीं लेते तो भी फांसी की तारीख आगे खिसक सकती है. मर्सी पिटीशन यानी दया याचिका का इस्तेमाल तो इनमें से एक को छोड़कर बाकी तीन ने अभी तक किया ही नहीं है.