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जानें क्या है टैंकर घोटाला, शीला से लेकर केजरीवाल तक नहीं बच सके इससे

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अपने जल मंत्री कपिल मिश्रा को पद से हटा दिया. जिसके बाद पार्टी कपिल मिश्रा ने बगावती रुख दिखाना शुरू कर दिया.

क्या है वाटर टैंकर घोटाला? क्या है वाटर टैंकर घोटाला?
जावेद अख़्तर
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2017,
  • अपडेटेड 9:10 AM IST

मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को अपने जल मंत्री कपिल मिश्रा को पद से हटा दिया. जिसके बाद पार्टी कपिल मिश्रा ने बगावती रुख दिखाना शुरू कर दिया. कपिल मिश्रा ने इस संबंध में किसी बड़े खुलासे का दावा किया है. मिश्रा का आरोप है कि वाटर टैंकर घाटोले में अरविंद केजरीवाल से जुड़े हुए नाम हैं. हालांकि ये घोटाला पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के कार्यकाल में हुआ था.

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क्या है घोटाला?
वाटर टैंकर घोटाले में आरोप है कि, '2012 में दिल्ली जल बोर्ड ने 385 स्टील के टैंकर किराए पर लिए थे. उस समय शीला दीक्षित सीएम के साथ ही दिल्ली जल बोर्ड की अध्यक्ष भी थीं. आरोप है कि जो टैंकर लिए गए थे, उसमें करीब 400 करोड़ का घोटाला हुआ था.

टैंकर घोटाला मामला साल 2009 से लेकर 2015 के बीच का है. इस दौरान कांग्रेस की सरकार की थी और शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री थीं. दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार आने के बाद घोटाले का जिन्न बाहर आया. आम आदमी पार्टी के विधायक और पूर्व जल मंत्री कपिल मिश्रा ने इस मामले की शिकायत एसीबी(एंटी करप्शन ब्यूरो) में की. कपिल मिश्रा ने आरोप लगाते हुए कहा था कि शीला सरकार में वाटर टैंकर घोटाला हुआ.

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कपिल के अलावा बीजेपी विधायक विजेंद्र गुप्ता ने भी शीला दीक्षित के खिलाफ एसीबी में शिकायत दर्ज कराई. जिसके बाद एसीबी ने जून 2016 में एफआईआर दर्ज की. इस मामले में कपिल मिश्रा से भी एसीबी पूछताछ कर चुकी है.

हालांकि शीला दीक्षित लगातार आरोपों को नकारती रही हैं. शीला ने अपनी सफाई में कहा था कि, 'कॉन्ट्रैक्ट देने का निर्णय सामू‍हिक था, जिसमें बीजेपी भी शामिल थी.'

केजरीवाल पर भी हुई थी FIR
इस मामले में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी एफआईआर दर्ज हुई थी. केजरीवाल पर जांच रिपोर्ट की फाइल दबाने का आरोप है. बीजेपी नेता विजेंद्र गुप्ता ने उनके खिलाफ शिकायत की थी.

इस मामले में पूर्व सीएम शीला दीक्षित से पूछताछ भी हो चुकी है. एसीबी पूरे मामले की जांच कर रही है. कपिल मिश्रा सार्वजनिक मंचों से इस घोटाले का जिक्र करते रहे हैं. कपिल मिश्रा ने दावा किया है कि उन्होंने शनिवार को केजरीवाल से मिलकर इस संबंध में एसीबी को कुछ नाम सौंपने की बात कही थी. बता दें कि इसके बाद ही कपिल मिश्रा को मंत्रीपद से हटा दिया गया.

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