
आत्महत्या दुनिया भर में एक बड़ी समस्या के तौर पर उभर रहा है. सोशल मीडिया पर लाइव वीडियो के जरिए आत्महत्या करने की खबरें लगातार आती रही हैं. हाल ही में नेटफ्लिक्स के एक सीरीज को लेकर काफी हंगामा हुआ जो सुसाइड पर आधारित था. इसकी रीलीज पर भी रोक लगा दी गई थी.
इंटरनेट और ऐप्स के इस दौर में अब एक सुसाइड करने वाला गेम सामने आ रहा है जिसने मुंबई के वर्षीय मनप्रीत को अपना शिकार बना लिया. 14 वर्षीय इस छात्र ने कथित तौर पर इस गेम को खेलकर 5वीं मंजिल से छलांग लगा दी. अब पुलिस ने इस गेम को लेकर एडवाइजरी जारी कर दी है.
भारत ही नहीं बल्कि ब्रिटेन की 15 वर्षीय एक छात्रा ने यूलिया और 16 वर्षीय छात्रा वेरोनिका ने भी अपार्टमेंट की छत से छलांग लगाकर अपनी जान दे दी.
क्या है ये गेम और क्यों ये लोगों को सुसाइड करने के लिए प्रेरित कर रहा है. इस घटना के बाद वहां की पुलिस ने बच्चों के अभिभवकों को अगाह करना शुरू कर दिया है.
दरअसल यह सोशल मीडिया से ही आया है. बताया जा रहा है कि एक ग्रुप है जो लोगों को सुसाइड करने के लिए उकसा रहा है. यह ग्रुप सोशल मीडिया पर ज्यादा ऐक्टिव रहता है.
इंस्टाग्राम पर भी इससे जुड़े पोस्ट तेजी से वायरल हो रहे हैं. इस ग्रुप का ग्रुप अपने मेंबर्स को रोजाना टास्क देता है जिसे 50 दिन में पूरा करना होता है.
ये टास्क काफी खतरनाक और जानलेवा होते हैं. इनमें खुद को नुकसान पहुंचाना, किसी ऐसे समय घूमना जो काफी अजीब हैं या हॉरर फिल्में देखने जैसे टास्क शामिल हैं.
टास्क के 50वें दिन पूरे होने पर इस गेम के पीछे के लोग युवकों को सुसाइड करने को कहते हैं. इतना ही नहीं उन्हें सुसाइड करने के तरीकों के बारे में भी बाताया जाता है.
फिलहाल यह साफ नहीं है कि यह ग्रुप कहां से चलाया जा रहा है या इस गेम के पीछे कौन लोग हैं. ये गेम कैसे खेला जा रहा है इसके बारे में भी जानकारी नहीं है. हालांकि इस गेम की सत्यता की भी पुष्टि नहीं की गई है.
कुछ लोगों का कहना है कि स्मार्टफोन में ऐप इंस्टॉल करके यह खेला जा रहा है, जबकि कुछ का मानना है कि इसे सोशल मीडिया जैसे फेसबुक और इंस्टाग्राम पर खेला जा रहा है.
ब्रिटेन की चाइल्ड प्रोटेक्शन संस्था नेशनल सोसाइटी फॉर द प्रिवेंशन ऑफ क्रूएलिटी टू चिल्ड्रेन (NPCC) ने कहा है कि बच्चों को भीड़ को फॉलो नहीं करना चाहिए और ऐसी चीजें करने से बचना चाहिए जो उनके लिए तकलीफदेह हैं.