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इस साल 'यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल' के गठन के 45 वर्ष पूरे होने जा रहे हैं. यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) का गठन 1975 में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के निजी क्षेत्रों को निवेश के प्रवाह को बढ़ाने और प्रोत्साहित करने के लिए एक व्यावसायिक एडवोकेसी करने वाले संगठन के रूप में किया गया था.
काउंसिल का उद्देश्य
ये काउंसिल व्यापार और सरकार के नेताओं के बीच एक सीधा संबंध बनाने का कार्य करता है. इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के लिए व्यापार और निवेश में वृद्धि हुई है.
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कैसे काम करती है
भारत में प्रमुख व्यापार संघों के साथ USIBC की सीधे साझेदारी होती है. इनमें The Confederation of Indian Industry (CII), के अलावा द फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI), द अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स इन इंडिया (AmCham India), नेशनल एसोसिएशन ऑफ सॉफ्टवेयर और सेवा कंपनियां (NASSCOM), द इंडस एंटरप्रेन्योर्स (TiE) और इंडो-अमेरिकन चैंबर ऑफ कॉमर्स (IACC) मिलकर काम करते हैं.
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ये है नई पहल
28 नवंबर, 2017 को, यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) ने महिलाओं के लिए वुमन इनोवेटर्स, सोशल लीडर्स और एंटरप्रेन्योर (WISE) नामक पहल की घोषणा की. यह घोषणा यूएसआईबीसी के रोड टू ग्लोबल एंटरप्रेन्योरशिप समिट (जीईएस) इवेंट के दौरान की गई, जिससे हैदराबाद में इनोवेशन की नींव तैयार की गई. पहल का नेतृत्व किरण मजूमदार शॉ सहित महिला नेताओं और उद्यमियों द्वारा किया जा रहा है.
प्रधानमंत्री इस कार्यक्रम में भारत और अमेरिका के लोगों को संबोधित करेंगे. इस बार 'यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल' के कार्यक्रम का थीम है- बिल्डिंग अ बेटर फ्यूचर. कोरोना के प्रसार को देखते हुए लोगों के जुटने पर प्रतिबंध है, लिहाजा यह कार्यक्रम पूरी तरह से वर्चुअल (ऑनलाइन) होगा. इस वर्चुअल समिट में भारत और अमेरिका के उच्च स्तरीय लोग हिस्सा लेंगे. इसमें दोनों सरकारों के नुमाइंदे शामिल होंगे. दोनों देशों की ओर से कई पॉलिसी मेकर्स, राष्ट्रीय स्तर के अधिकारी, बिजनेस व सामाजिक संस्थाओं के नेता शरीक होंगे.
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इस खास कार्यक्रम में वक्ताओं की जहां तक बात है तो इसमें भारतीय विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर, अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो, वर्जिनिया के सीनेटर और इंडिया कॉकस के उपाध्यक्ष मार्क वॉर्नर और यूएन में पूर्व अमेरिकी राजदूत निक्की हेली के नाम शामिल हैं. इसके अलावा कार्यक्रम में और भी कई लोगों के संबोधन होंगे. समिट में भारत-अमेरिकी संबंधों पर विस्तार से चर्चा होगी. इसके साथ ही कोविड खत्म होने के बाद दोनों देश अपने संबंध और कैसे प्रगाढ़ कर सकते हैं, इस पर चर्चा की जाएगी.
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इस समिट में ग्लोबल लीडरशिप अवार्ड्स भी दिए जाएंगे. यह आयोजन 2 दिन का है, जिसकी शुरुआत मंगलवार को हुई है. भारत और अमेरिका में कोरोना महामारी को देखते हुए इससे निपटने की क्या चुनौतियां हैं और क्या प्रभावी कदम उठाए जा सकते हैं, इस समिट में इस पर चर्चा की जाएगी.