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WhatsApp ने मोबाइल स्पाई एजेंसी NSO Group के खिलाफ फेडरल कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया है. ये एजेंसी इजारायल की है और वॉट्सऐप ने इल्जाम लगाया है कि ये एजेंसी कई बार गलत तरीके से टार्गेट फोन को हैक किया है. ये मुकदमा कैलिफोर्निया के फेडरल कोर्ट में दर्ज किया गया है.
गौरतलब है कि कुछ समय WhatsApp कॉलिंग से जुड़ी एक खामी पाई गई थी और कंपनी ने कहा है कि यह NSO Group की ही हरकत है जिसने इसका फायदा उठा कर स्मार्टफोन पर अटैक किए हैं. दरअसल इस हैकिंग के तरीके के तहत हैकर्स वीडियो कॉलिंग के जरिए टार्गेट स्मार्टफोन में स्पाईवेयर लोड किया जा सकता है.
इस खामी को ढूंढने वाली एजेंसी Citizen Lab ने कहा है कि इस तरह के स्पाइवेयर अटैक्स पत्रकारों और ह्यूमन राइट्स ऐक्टिविस्ट्स को टार्गेट करके किए जा रहे थे. इस अकैट का नाम Pegasus था और इसे इजरायल की एजेंसी NSO ग्रुप ने तैयार किया था. बताया जा रहा है कि दुनिया भर में कई देश की सरकार इसे यूज करती हैं.
हालांकि NSO Group ने कहा है कि कंपनी इसमें डायरेक्ट शामिल नहीं थी और ये बस सरकार को मुहैय्या करना का काम कर रही थी. The Washington Post के मुताबिक WhatsApp हेड विल कैथकार्ट ने कहा है कि अमेरिकी स्टेट और फेडरल लॉ के तहत कंपनी चाहती है कि इस स्पाईवेयर अटैक के लिए NSO Group को जिम्मेदार ठहराया जाए.
NSO Group ने एक स्टेटमेंट में कहा है कि कंपनी इस इल्जाम को सही नहीं मानती है और इसके लिए लड़ाई लड़ी जाएगी.
Pegasus की बात करें तो ये एक तरह का Spyware है और ये इतना खतरनाक है कि ऑथेन्टिकेशन की इनवैलिड होने के बावजूद ये यूजर अकाउंट्स प्रभावित करना जारी रखता है. आप इसे दूसरी कंपनियों की कमजोरी भी कह सकते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक ये कंपनी इस तरह के सॉफ्टवेयर एजेंसियों के लिए तैयार करती है, जिसमें सरकरी एजेंसियां भी शामिल हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि इस साल के शुरुआत में Uganda के लिए कंपनी ने एक पेपर तैयार किया था जिसमें Pegasus का जिक्र है.