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WhatsApp में आया ये नया फीचर, ऐसे पकड़ा जाएगा झूठ!

यह नया अपडेट एंड्रॉयड के लिए जो फिलहाल 2.18.179 बीटा वर्जन में है. इस अपडेट के बाद फॉर्वर्ड किए गए मैसेज पर फॉरवर्डेड लिखा हुआ लेबल दिखेगा. इस लेबल के जरिए यूजर्स यह समझ सकेंगे कि कौन से मैसेज फॉर्वर्ड किए गए हैं.

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2018,
  • अपडेटेड 6:41 PM IST

इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप में एक काम की फीचर आया है. यह फीचर भ्रम फैलाने वाले फॉरवर्ड किए गए मैसेज के रोकथाम और सच्चाई समझने में मदद करेगा. कई बार फॉर्वर्ड किए गए वॉट्सऐप मैसेज को लोग सच समझने की गलती कर देते हैं.

यह नया अपडेट एंड्रॉयड के लिए जो फिलहाल 2.18.179 बीटा वर्जन में है. इस अपडेट के बाद फॉर्वर्ड किए गए मैसेज पर फॉरवर्डेड लिखा हुआ लेबल दिखेगा. इस लेबल के जरिए यूजर्स यह समझ सकेंगे कि कौन से मैसेज फॉर्वर्ड किए गए हैं और कौन से मैसेज कंपोज़ किए गए हैं.

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फॉरवर्डेड लिखा हुआ लेबल सेंडर और रीसिवर दोनों को ही मिलेगा. उदाहरण के तौर पर आप किसी के भेजे गए मैसेज को किसी दूसरे कॉन्टैंक्ट को भेज रहे हैं तो उसे और आपको दिखेगा कि ये मैसेज आपने खुद से नहीं लिखा है जबकि फॉरवर्ड किया है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक फिलहाल ये फॉरवर्ड का लेवल डिसेबल करने का ऑप्शन नहीं है. गौरतलब है कि फेक न्यूज और गलत जानकारियां वॉट्सऐप पर तेजी से फैलती हैं और इसके लिए वॉट्सऐप पर सवाल भी उठते रहे हैं. इस फीचर से ऐसा लगता है कंपनी आगे भी इस तरह के फीचर ला सकती है जिससे फॉरवर्ड मैसेज पर रोक सके खास कर वो जो गलत और भ्रामक होते हैं.

वॉट्सऐप पेमेंट में देरी

वॉट्सऐप को भारत में डिजिटल पेमेंट यानी पैसे ट्रांसफर करने की सुविधा को पूरी तरह से शुरू करने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से हरी झंडी मिलनी बाकी थी. लेकिन ET की रिपोर्ट के मुताबिक वॉट्सऐप पे बीटा वर्जन के टेस्टिंग सैंपल को नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने सिर्फ 1 मिलियन यूजर तक लिमिट कर दिया है जो वॉट्सऐप के टोटल यूजर्स का सिर्फ 1 फीसदी ही है. भारत में वॉट्सऐप के लगभग 200 मिलियन मथली यूजर्स हैं और रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 7 लाख लोगों ने वॉट्सऐप पे को ट्राई किया है.

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आपको बता दें कि वॉट्सऐप पे को मार्च तक ही लॉन्च होना था लेकिन फेसबुक-कैंब्रिज ऐनालिटिका स्कैंडल के बाद से यह अधर में है और इसके पीछे की वजह रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का डेटा स्टोरेज को लेकर दिया गया आदेश है.

नेशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया की गाइडलाइन में टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन है जिसे वॉट्सऐप नहीं मानता है. रिपोर्ट के मुताबिक दूसरे UPI ऐप्लिकेशन की तरह बैंकर्स का मानना है कि वॉट्सऐप टू फैक्टर ऑथेंटिकेशन को नहीं मानता है. कुछ ऐसी ही बात पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने तब कही थी जब वॉट्सऐप पे का बीटा वर्जन आया था.

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