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WhatsApp की सुरक्षा को लेकर एक्सपर्ट्स ने जताई थी चिंता, कंपनी ने दिया जवाब

व्हाट्सएप की सुरक्षा फीचरों को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. उनका मानना है कि यह उतने पुख्ता नहीं है जितना कि इनके बारे में दावा किया जाता है.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
साकेत सिंह बघेल
  • नई दिल्ली,
  • 07 अप्रैल 2018,
  • अपडेटेड 8:03 PM IST

फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सऐप ने आज उन रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि कंपनी निजी जानकारियों को ट्रैक करती है. व्हाट्सऐप ने कहा कि वो केवल थोड़ी जानकारी इकट्ठा करता है और हर मैसेज एंड-टू-एंड एनक्रिप्टेड होता है.

WhatsApp की ओर से ये जवाब उन रिपोर्ट्स पर आया है, जिसमें एक्सपर्ट्स ने चिंता जताते हुआ कहा था कि ऐप संभवत: अपने दावे जितना सुरक्षित ना हो. ये जानकारी समाचार एसेंजी पीटीआई के हवाले से मिली है.

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व्हाट्सऐप के एक प्रवक्ता ने कहा कि, व्हाट्सऐप सीमित मात्रा में डेटा एकत्रित करता है और प्लेटफॉर्म पर साझा किए गए सारे मैसेज एनक्रिप्टेड होते हैं. मीडिया में आई हाल की टिप्पणियों के विपरीत, हम दोस्तों और रिश्तेदारों को आपके द्वारा भेजे गए मैसेज को ट्रैक नहीं करते.

एक सवाल के जवाब में प्रवक्ता ने कहा 'गोपनीयता और हमारे यूजर्स की सुरक्षा, व्हाट्सएप के लिए अविश्वसनीय रूप से महत्वपूर्ण है.'

ये है एक्सपर्ट्स की राय

व्हाट्सएप की सुरक्षा फीचरों को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. उनका मानना है कि यह उतने पुख्ता नहीं है जितना कि इनके बारे में दावा किया जाता है. फेसबुक के मालिकाना हक वाले व्हाट्सऐप के भारत में 20 करोड़ एक्टिव यूजर्स हैं. विशेषज्ञों ने इसके यूजर्स समझौते के कुछ प्रावधानों पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं, जहां उसके अधिकतर गलत काम पकड़ में नहीं आते या कोई उन्हें चुनौती नहीं देता है.

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व्हाट्सएप के दुनियाभर में एक अरब यूजर्स हैं और भारत में मैसेज भेजने के लिए यह एक लोकप्रिय माध्यम है. साल 2014 में फेसबुक ने इसका अधिग्रहण कर लिया था. अमेरिका के एक प्रमुख तकनीकी उद्यमी और शिक्षाविद विवेक वाधवा ने कहा, ‘एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद एनक्रिप्टेड होकर उतना सुरक्षित हो सकता है जितना व्हाट्सऐप दावा करता है. लेकिन उससे किए जाने वाले कॉल की सूचना इत्यादि के डेटा का उपयोग कंपनी कर सकती है.’

उन्होंने कहा कि व्हाट्सऐप ने स्वीकार किया है कि वह यूजर्स की पहचान और डिवाइस की पहचान फेसबुक से साझा करती है, जो फेसबुक को दूसरों पर नजर रखने के गलत काम को करने की अनुमति दे सकता है.

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