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जासूसी मामले में सरकार को व्हाट्सएप पर साजिश कराने का शक

जासूसी मामले में सरकार को व्हाट्सएप पर साजिश कराने की आशंका है. सूत्र के मुताबिक, टेलीकॉम मंत्रालय लगातार व्हाट्सएप से मैसेज के सोर्स सुरक्षा एजेंसियों को डिस्क्लोज करने की मांग कर रहा है. पर हर बार प्राइवेसी का हवाला देकर व्हाट्सअप ने सरकार की बात नहीं मानी.  

व्हाट्सएप पर शक (Photo- Aajtak) व्हाट्सएप पर शक (Photo- Aajtak)
हिमांशु मिश्रा
  • नई दिल्ली,
  • 01 नवंबर 2019,
  • अपडेटेड 6:35 PM IST

  • सरकार को व्हाट्सएप पर साजिश कराने का है शक
  • भारत की मांग के बाद व्हाट्सएप पर अन्य देशों का दबाव

जासूसी मामले में सरकार को व्हाट्सएप पर साजिश कराने की आशंका है. सूत्र के मुताबिक, टेलीकॉम मंत्रालय लगातार व्हाट्सएप से मैसेज के सोर्स सुरक्षा एजेंसियों को डिस्क्लोज करने की मांग कर रहा है, लेकिन हर बार प्राइवेसी का हवाला देकर व्हाट्सअप ने सरकार की बात नहीं मानी.

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इसके अलावा यूएस, यूके और ऑस्ट्रेलिया भी भारत की मांग के बाद व्हाट्सएप पर दबाव बना रहे हैं. ऐसे में इस आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता कि इस पूरी साजिश में व्हाट्सएप शामिल नहीं है. सरकार को साजिश की आशंका इसलिए भी है, क्योंकि जिस तरीके से बस्तर से लेकर पुणे तक लोगों के नाम सामने आए हैं यह जगजाहिर है कि ये तकरीबन सभी लोग मोदी सरकार के आलोचक हैं.

मोदी सरकार के आलोचक

ऐसे में यह सिर्फ संयोग नहीं हो सकता कि सिर्फ उन्हीं लोगों की जासूसी की गई है जो मोदी सरकार के आलोचक हैं. साथ ही सरकारी सूत्रों का ये भी कहना है कि हाल ही में जब व्हाट्सअप के अधिकारियों ने कम से कम दो बार भारत में मंत्रालय के अधिकारियों से मुलाकात की थी तब भी व्हाट्सअप के अधिकारियों ने जासूसी वाली बात मंत्रालय से शेयर नहीं की थी.

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सरकार ने व्हाट्सअप से मांग जवाब

प्राइवेसी सुनिश्चित करने के लिए सरकार संसद के अगले सत्र में सख्त कानून बनाने के लिए बिल लाएगी. बता दें कि गुरुवार को जासूसी की खबरें पर संज्ञान लेते हुए सरकार ने व्हाट्सअप से 4 नवंबर तक जवाब मांगा है.

बता दें कि जासूसी के मामले में केंद्र सरकार ने व्हाट्सएप से जवाब मांगा है. सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने 4 नवंबर तक व्हाट्सएप से अपना जवाब देने के लिए कहा है. केंद्र सरकार ने यह जवाब तलब तब किया है, जब व्हाट्सएप ने कन्फर्म कर दिया है कि स्पाईवेयर पीगासस भारत में भी एक्टिव था और यहां के लोगों की भी जासूसी कर रहा था. गुरुवार को फेसबुक के स्वामित्व वाले व्हाट्सएप ने कहा कि इजरायली स्पाईवेयर पीगासस भारतीय पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं की जासूसी कर रहा था.

सरकार पर आरोप बेबुनियाद: मंत्रालय

वहीं, व्हाट्सएप पर जासूसी को लेकर गृह मंत्रालय ने बयान दिया. मंत्रालय ने कहा कि सरकार पर निजता के हनन के आरोप बेबुनियाद हैं. ऐसा करके सरकार की छवि को खराब करने की कोशिश की गई है. साथ ही मंत्रालय ने कहा कि सरकार निजता की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और दोषी पाए जाने पर कार्रवाई होगी.

गृह मंत्रालय ने कहा कि व्हाट्सएप पर भारतीय नागरिकों की गोपनीयता भंग करने संबंधी रिपोर्टों के आधार पर कुछ बयान सामने आए हैं. भारत सरकार को बदनाम करने के ये प्रयास पूरी तरह से गलत हैं.

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मंत्रालय ने कहा कि भारत सरकार नागरिकों के मौलिक अधिकारों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें निजता का अधिकार भी शामिल है. ऐसे में गोपनीयता भंग करने के लिए जिम्मेदार किसी भी मध्यस्थ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी. यह स्पष्ट है कि भारत सरकार ने कानून के प्रावधानों के अनुसार कड़ाई से काम किया और प्रोटोकॉल का पालन किया. किसी निर्दोष नागरिक का उत्पीड़न न हो या उसकी गोपनीयता भंग न हो, इसके लिए पर्याप्त सुरक्षा उपाय हैं.

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, व्हाट्सएप के उस खुलासे से हड़कंप मच जिसमें उसने कहा कि स्पाईवेयर पीगासस भारत में भी एक्टिव था और यहां के लोगों की भी जासूसी कर रहा था. व्हाट्सएप ने इंडियन एक्स्प्रेस को बताया है कि भारतीय पत्रकार और ह्यूमन राइट ऐक्टिविस्ट्स इस जासूसी का टारगेट थे. हालांकि, कंपनी ने ये नहीं बताया है कि इस स्पाईवेयर के जरिए कितने भारतीय लोगों की जासूसी की गई है.

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