
फेसबुक के स्वामित्व वाले WhatsApp ने सरकार को ये जानकारी दी है कि इजरायली फर्म NSO द्वारा डिजाइन किए गए सॉफ्टवेयर पेगासस ने भारत में 121 यूजर्स को टारगेट किया था. इसमें से 20 मोबाइल फोन्स के डेटा साफतौर लीक हुए हैं. ये जानकारी वॉट्सऐप द्वारा 18 नवंबर को सरकार को दी गई. इससे पहले सरकार ने वॉट्सऐप से इस मामले पर तकनीकी जानकारी की मांग की थी.
इसके अलावा TOI की रिपोर्ट के मुताबिक फेसबुक के स्वामित्व वाले मैसेजिंग प्लेटफॉर्म ने भी सरकार को ये भी जानकारी दी कि वह ये स्पष्ट रूप से नहीं बता पाएगा कि टारगेट किए गए यूजर्स के फोन से कौन सा डेटा एक्सेस किया गया है. इस हालिया डेवलपमेंट से कुछ दिन पहले ही कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अध्यक्षता में संसदीय पैनल द्वारा इस मुद्दे पर चर्चा हुई थी.
मिली जानकारी के मुताबिक WhatsApp ने सरकार को ये भी जानकारी दी है कि ये अटैक काफी जटिल और परिष्कृत थे और अटैक के कुछ पहुलुओं पर कंपनी की पहुंच नहीं बन पा रही है. ऐसे में जांच अभी भी जारी है. इससे पहले वॉट्सऐप ने सरकार को संकेत दिया था कि भारत से 121 यूजर्स टारगेट हुए हैं, लेकिन इसकी पुष्टि केवल हालिया डेवलपमेंट में हो पाई है.
हालांकि, इससे पहले मई में एक बातचीत में वॉट्सऐप ने सरकार को संकेत दिया था कि वो पेगासस को एक बड़े सुरक्षा खतरे के रूप में नहीं देखता है. वॉट्सऐप जासूसी का ये मामला अक्टूबर के अंत में प्रकाश में आया था, जब कंपनी ने ये पुष्टि की थी कि चार महाद्वीपों के 1,400 लोगों को इजरायली फर्म द्वारा टारगेट किया गया है. टारगेट किए गए लोगों में से अधिकतर पत्रकार और एक्टिविस्ट जैसे लोग हैं. इसमें भारतीय भी शामिल हैं. कथित तौर पर ये अटैक 29 अप्रैल से 10 मई के बीच हुए थे.