प्रतिष्ठा की किताबइसकी शुरुआत अगस्त, 1954 में गिनेस बुक ऑफ रिकॉर्ड्स नाम से हुई थी. तब 1,000 प्रतियां प्रकाशित कर बांट दी गई थीं. हुआ यूं कि आयरलैंड की गिनेज ब्रूअरीज के मालिक सर ह्यू बीवर शिकार पर गए हुए थे और वहां अपने दोस्तों के साथ चिडिय़ों के शिकार को लेकर उनकी कुछ बहस हो गई. संबंधित जानकारी उन्हें किसी भी किताब में न मिल सकी. तब से हर साल गिनेस यह किताब प्रकाशित करता है जिसकी 37 भाषाओं में 10 करोड़ से भी अधिक प्रतियां बिकती हैं.
पहला भारतीय रिकॉर्ड
पहले संस्करण में ही माउंट एवरेस्ट और 1953 में उस पर पहली बार फतह किए जाने का जिक्र था जब सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग नोर्गे ने इस चोटी पर चढऩे में सफलता पाई थी.
रिकॉर्ड की मारामारी
गिनेस के साथ भारत का जुड़ाव थोड़ा देर से शुरू हुआ. कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी, लॉस एंजेलिस के इतिहासकार विनय लाल ऑफ क्रिकेट, गिनेज ऐंड गांधी में लिखते हैं, ‘अधिकांश रिकॉर्ड’ राजीव गांधी ‘युग’ के तत्काल बाद के दौर में तोड़े गए.्य हर सप्ताह रिकॉर्ड तोडऩे के इच्छुक तकरीबन 1,000 लोग आवेदन या पूछताछ के लिए गिनेस से संपर्क करते हैं. इनमें लगभग 10 फीसदी लोग भारत के होते हैं. 11वें संस्करण से आवेदनों की संख्या के मामले में भारत अमेरिका और ब्रिटेन के बाद तीसरा सबसे बड़ा देश बन गया. गिनेस में नाम दर्ज कराना अपना नाम अमर करने का आम भारतीयों का पसंदीदा शगल है.
और भी दिलचस्प बातेंआह
पॉल मकार्टनी के बिके रिकॉर्डों की संख्या गिनेस वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के कुल रिकॉर्डों से ज्यादा है.
कोलंबियाई गायिका शकीरा ने इस महीने एक गिनीज विश्व रिकॉर्ड तोड़ डाला. 10 करोड़ प्रशंसकों के साथ वे फेसबुक पर सबसे ज्यादा लाइक की जाने वाली शख्सियत बन गई हैं.
लेडी गागा ने लगातार कई हफ्तों तक चार्ट में पहले पायदान पर बने रहने और इंटरनेट पर सबसे ज्यादा सर्च की जाने वाली महिला होने के चलते रिकॉर्ड बुक्स में अपना नाम दर्ज कराया है.
आउचसबसे ज्यादा गाने रिकॉर्ड कराने के लिए
लता मंगेश्कर का नाम 1974 से 1991 तक गिनेस बुक में था. 2011 में उनकी बहन आशा भोंसले को गिनेज ने सर्वाधिक एकल स्टुडियो रिकार्डिंग करवाने वाली हस्ती माना.
मस्तराम बापू बिना कुछ किए धरे ही गिनेस बुक में जगह पा गए. उन्होंने चित्रा (अब झारखंड में) की एक सड़क के किनारे 1960 से 1982, यानी 22 साल तक एक ही जगह पर रहने के चलते रिकॉर्ड बुक में अपना नाम लिखवाया.
2009 में एक कठिन करतब दिखाते हुए दिल्लीवासी
विपिन सेठ ने ढाई घंटे तक अपने पूरे शरीर को 6,13,500 मधुमक्खियों से ढके रखा.
1990 में भोपाल के
बृजेश श्रीवास्तव ने सूती धागे के एक रेशे को 7,328 बार एक सुई में पिरोकर दिखाया था. 1993 में इलाहाबाद के
ओमप्रकाश सिंह ने उनका यह रिकॉर्ड तोड़ दिया. बिन रिकॉर्ड सब सून मानने वाले श्रीवास्तव ने 1995 में 18.5 फुट का हाथ से पेंट किया हुआ लकड़ी का पंखा निर्मित करने का एक और रिकॉर्ड बनाकर ही चैन लिया.
और यह भी400% वृद्धि हुई है, 2007 के बाद से गिनेस वल्र्ड रिकॉड्र्स के पास भारत से पहुंचने वाले आवेदनों की संख्या में. रिकॉर्ड धारकों की संख्या में यह सालाना वृद्धि 250 फीसदी है.
शह-मातमिनटों का खेल: अपनी स्टॉपवाच और फीता तैयार रखें. कुछ ऐसी मिसालें जिनसे आप जान पाएंगे कि भारतीय मिनट भर में क्या कुछ कर सकते हैं.
40 अंगूर खाना: दिनेश शिवनाथ उपाध्याय, 2014, कर्नाटक
5 रु. के 56 सिक्कों की मीनार बनाना: आशुतोष गौड़ा, 2014, महाराष्ट्र
कथक नृत्य में 108 चक्कर काटना, मनन सांख्यायन, 2014, हिमाचल प्रदेश
एक चोटी से 26 मोमबत्तियां बुझाना: अनुराधा मंडल, 2011, असम
एक आमलेट 103 बार पलटना, एम. शहबाज खान, 2011, मध्य प्रदेश
एक कान से 80.7 किलोग्राम भार उठाना, राकेश कुमार, 2008, पंजाब
अजब-गजब दुनियाइस साल गिनेस रिकॉर्ड बनाने के लिए किसने क्या किया
1. बैग लेडीमुंबर्ई की आर्टिस्ट मनीषा ओगले ने नौ घंटे में 21x27 फुट आकार का दुनिया का सबसे बड़ा हाथ से पेंट किया हुआ बैग बनाकर इस साल जुलाई में रिकॉर्ड बुक में अपना नाम दर्ज कराया.
2. नाक से टाइपहैदराबाद के मोहम्मद के. हुसैन उंगलियों की बजाए नाक से कीबोर्ड पर सबसे तेज (सिर्फ 3.43 सेकेंड में) अंग्रेजी वर्णमाला टाइप करने वाले व्यक्ति बने.
3. टाइ मैन‘मिस्टर टाइ मैन’ नाम से विख्यात भोपाल के बैंककर्मी दीपक शर्मा के पास 3,520 टाइ का जबरदस्त संग्रह है. मार्च में वे 18 सेकेंड से भी कम समय में ‘विंडसर नॉट्’ बनाने वाले दुनिया के इकलौते शख्स
बन बैठे.
4. नन्हा स्केटरबंगलुरू के किंडरगार्टन के पांच वर्षीय छात्र गगन एस. ने 39 टोयोटा क्वालिस कारों के नीचे
से स्केटिंग करके विश्व कीर्तिमान स्थापित किया है. यह कारनामा उन्होंने 28 सेकंड में किया है. गगन के माता-पिता उन्हें ओलंपिक में भेजने की हसरत रखते हैं.