
पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी सोमवार दोपहर से नई दिल्ली के एम्स अस्पताल में भर्ती हैं और उनके स्वास्थ्य में लगातार सुधार हो रहा है. देश के लोग उनके जल्द ठीक होने की दुआ मांग रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने राजनीतिक जीवन में कई ऐसी मिसालें पेश की हैं जिन्हें बार-बार याद किया जाता है. एक ऐसा ही किस्सा 1971 के दौर का है.
अटल बिहारी वाजपेयी के संसद में दिए हुए एक भाषण की अक्सर चर्चा की जाती है जिसमें उन्होंने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी को कथित तौर पर दुर्गा कहकर संबोधित किया था.
वर्ष 1971 में अटल बिहारी वाजपेयी विपक्ष के नेता थे और इंदिरा गांधी देश की प्रधानमंत्री. अटल बिहारी वाजपेयी ने विपक्ष के नेता के तौर पर एक कदम आगे जाते हुए इंदिरा को 'दुर्गा' करार दिया. वाजपेयी ने यह शब्द इंदिरा को उस समय यह उपमा दी जब भारत को पाकिस्तान पर 1971 की लड़ाई में एक बड़ी कामयाबी हासिल हुई थी.
1971 के युद्ध में पाक के 90,368 सैनिकों और नागरिकों ने सरेंडर किया था. अटल बिहारी वाजपेयी ने सदन में कहा था कि जिस तरह से इंदिरा ने इस लड़ाई में अपनी भूमिका अदा की है, वह वाकई काबिल-ए-तारीफ है. सदन में युद्ध पर बहस चल रही थी और वाजपेयी ने कहा कि हमें बहस को छोड़कर इंदिरा की भूमिका पर बात करनी चाहिए जो किसी दुर्गा से कम नहीं थी.
पत्रकार विजय त्रिवेदी की किताब ‘हार नहीं मानूंगा- एक अटल जीवन गाथा’ में भी इस बात का जिक्र मिलता है. किताब में दावा किया गया है कि एक बैठक में वाजपेयी ने डीपीटी से कहा था, "इंदिरा ने अपने बाप नेहरू से कुछ नहीं सीखा. मुझे दुख है कि मैंने उन्हें दुर्गा कहा."
जब वाजपेयी इस घटना के दो दशक बाद पीएम बन गए, तो उन्होंने एक और टीवी पत्रकार रजत शर्मा को दिए इंटरव्यू में दुर्गा वाले कथन से साफ इनकार कर दिया. अटल ने तब कहा, मैंने इंदिरा के लिए दुर्गा उपमा का इस्तेमाल नहीं किया था. कुछ अखबारों ने कही-सुनी बातों के आधार पर यह खबर छाप दी. मैंने अगले दिन इसका खंडन किया, तो उसे कोने में समेट दिया गया.