
बिहार में दहेज और बाल विवाह विरोधी अभियान का असर अब कई गांवों तक देखने को मिल रहा है. दहेज और बाल विवाह के खिलाफ ग्रामीण न केवल सामाजिक स्तर पर विरोध कर रहे हैं, बल्कि कई मामलों में पुलिस को भी इसकी सूचना दे रहे हैं. कई मामलों में दूल्हों को पुलिस ने गिरफ्तार भी कर लिया है.
फलका के ठाकुरबाड़ी मंदिर में एक नाबालिग लड़की की शादी जबरन उससे दोगुने उम्र के पुरुष (समस्तीपुर निवासी मदन सहनी) से करवाया जा रहा था, जिसकी सूचना ग्रामीणों को मिल गई. ग्रामीणों ने तत्काल इसकी सूचना पुलिस को दे दी. फलका थाना के सहायक अवर निरीक्षक फैयाज खान ने बताया कि दूल्हे और उसके भाई को गिरफ्तार कर लिया गया है.
वैशाली जिले के देसरी प्रखंड के चौनपुर नन्हकार गांव में गुरुवार की रात दो नाबालिग बहनों की शादी मुखिया और ग्रामीणों के हस्तक्षेप से रुकी. गांव के राम बाबू पासवान अपनी 15 वर्षीय और 13 वर्षीय दो पुत्रियों की शादी दोगुने उम्र के लड़कों के साथ अपने घर पर ही कर रहे थे. इसकी जानकारी गांव के लोगों को मिल गई. ग्रामीणों ने इसकी सूचना मुखिया सुबोध ठाकुर को दी. मुखिया ने भी आगे बढ़कर बाल विवाह का विरोध किया और शादी रोकी गई.
मुख्यमंत्री ने राज्य में दहेज प्रथा एवं बाल विवाह के खिलाफ अभियान छेड़ते हुए दो अक्टूबर को घोषणा की है कि इसको लेकर अगले साल 21 जनवरी को मानव श्रृंखला बनाई जाएगी.
इससे पहले, पटना जिले के दनियांवा क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की से शादी करने पहुंचे उत्तर प्रदेश के 45 वर्षीय अधेड़ दूल्हे कृष्णा सिंह उर्फ तारण सिंह को उसके परिजनों के साथ गिरफ्तार किया गया है. इस क्रम में पुलिस ने शादी कराने वाले दो एजेंटों (दलालों) को भी गिरफ्तार किया है.
हालांकि, पटना विश्वविद्यालय से सेवानिवृत्त प्रोफेसर भारती एस. कुमार कहती हैं, "इन कुरीतियों को सरकार और कानून के दम पर नहीं मिटाया जा सकता, इसके लिए आम लोगों को भी जागरूक होना होगा."