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जब बॉलीवुड में आए थे शाहरुख, लोगों ने कद, रंग पर कसी फब्तियां

शाहरुख खान की फिल्म जीरो का ट्रेलर रिलीज होते ही फैंस के बीच वायरल हो गया है. मूवी 21 दिसंबर को रिलीज होगी.

शाहरुख खान (इंस्टाग्राम) शाहरुख खान (इंस्टाग्राम)
हंसा कोरंगा
  • नई दिल्ली,
  • 03 नवंबर 2018,
  • अपडेटेड 7:57 AM IST

शाहरुख खान के जन्मदिन (2 नवंबर) के मौके पर जीरो का ट्रेलर रिलीज किया गया. इसे दर्शकों और बॉलीवुड सेलेब्स का शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है. शाहरुख के अलावा अनुष्का शर्मा और कटरीना कैफ लीड रोल में हैं. मूवी 21 दिसंबर को रिलीज होगी. इसमें किंग खान बौने शख्स बउआ सिंह ठाकुर के रोल में दिखेंगे. ट्रेलर लॉन्च इवेंट में एक्टर से पूछा गया कि आज भी समाज में लोग किसी शख्स के कद और रंग पर कमेंट करते हैं, आप इसे कैसे देखते हैं?

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जवाब ने शाहरुख खान ने कहा, ''कई मौकों पर हम बहुत जल्दी जज कर लेते हैं. मेरे साथ जिंदगी में बहुत कुछ अच्छा हुआ. मुझे एक्टिंग का शौक था. जब मैं इंडस्ट्री में नया आया तो सभी बड़े-बड़े लोगों ने कहा, तुम्हारा रंग सांवला है, कद छोटा है, नाक लंबी है. तुम हीरो जैसे नहीं दिखते हो. लेकिन मैंने हार नहीं मानी. मैने कहा मुझे एक्टिंग का शौक है. कभी-कभी लोग आपको कमेंट कर नीचा दिखा देते हैं. ऐसे में हमें हर चीज में पॉजिटिविटी देखनी चाहिए.''

जब शाहरुख बोले- 'ले आ अपने तीनों खान, यहीं खड़ा हूं मेरी जान'

ये है जीरो में किंग खान का फेवरेट डायलॉग

शाहरुख खान ने फिल्म की अपनी फेवरेट लाइन के बारे में खुलासा किया. हालांकि ये लाइन ट्रेलर में शामिल नहीं की गई है. मूवी के लेखक और डायरेक्टर की इजाजत मिलने के बाद एक्टर ने अपनी फेवरेट लाइन बताई. वो डायलॉग है- 'ले आ अपने तीनों खान, यहीं खड़ा हूं मेरी जान'.

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आखिरी बार शाहरुख ने कब फील किया था जीरो?

उन्होंने कहा, ''मैं हर बात पर लूजर फील करता हूं. एक दिन जब मैंने अबराम को साथ में बैठने के लिए कहा और वो नहीं बैठा. तो मुझे लगा इसने ऐसा क्यों किया? क्या मैं अच्छा पिता नहीं हूं? क्या मैंने इसे समय नहीं दिया? तब मैंने बहुत लूजर फील किया. फिर मेरी पत्नी ने मुझे समझाया. हर चीज में मैं ऐसा ही फील करता हूं.''

बेटे अबराम के इस रिएक्शन पर शाहरुख खान ने फील किया था Zero

मुश्किल नहीं था जीरो में बौने का रोल करना

शाहरुख खान का कहना है कि जीरो में बौने का रोल करना उनके लिए मुश्किल नहीं था. वे कहते हैं, मेरे लिए ये कैरेक्टर आसान था. लेकिन अनुष्का शर्मा के लिए मुश्किल. मेरी परेशानी VFX और सिनेमेटोग्राफी से आसान हो गई थी. फिल्म करते वक्त मैंने फ्रीडम फील की. ये फिल्म बनानी नहीं थी जीनी थी. ये मूवी जिंदगी का फलसफा है.

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