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नोएडाः आखिर कहां है आईजी की चोरी हुई सफारी कार

नोएडा से संदिग्ध हालात में चोरी हुई आईजी आनंद स्वरूप की नीली बत्ती लगी सफारी कार अभी तक एक राज बनी हुई है. पुलिस के हाथ अभी तक उस कार का कोई सुराग नहीं लगा है.

कार चोरी हो जाने के 28 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं कार चोरी हो जाने के 28 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं
परवेज़ सागर
  • नोएडा,
  • 17 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 10:48 AM IST

नोएडा से संदिग्ध हालात में चोरी हुई आईजी आनंद स्वरूप की नीली बत्ती लगी सफारी कार अभी तक एक राज बनी हुई है. पुलिस के हाथ अभी तक उस कार का कोई सुराग नहीं लगा है. आईटीबीपी में तैनात आईजी आनंद स्वरूप ने इस मामले में अभी तक चुप्पी साध रखी है.

कौन है आनंद स्वरूप
आनंद स्परूप 1992 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं. यूपी कैडर के आईपीएस आनंद स्वरूप मूल रूप से बिहार के रहने वाले हैं. आनंद एक तेज तर्रार आईपीएस अधिकारी माने जाते हैं. वे अपने काम में राजनीतिक दखल पसंद नहीं करते. यही वजह है कि बार-बार उनके ट्रांसफर होते रहे हैं. अभी कुछ माह पहले ही वे प्रतिनियुक्ति पर आईटीबीपी में बतौर आईजी मसूरी (उत्तराखंड) में तैनात किए गए थे. लेकिन बहुत जल्द ही उनका तबादला आईटीबीपी मुख्यालय में कर दिया गया. नोएडा के सेक्टर 23 में उनका निजी निवास है. फिलहाल, वे अपने परिवार के साथ वहीं रहते हैं.

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कैसे चोरी हुई थी कार
दिल्ली से सटे नोएडा के अतिसुरक्षित माने जाने वाले सेक्टर 23 से आईजी आनंद स्वरूप की कार चोरी की वारदात ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी थी. बीती 20 जनवरी को उनकी नीली बत्ती लगी नई टाटा सफारी कार रजिस्ट्रेशन संख्या CH01-GA-2915 उनके घर के बाहर खड़ी थी. जो आधी रात के बाद चोरी हो गई थी. पुलिस का कहना है की चोरी रात 3 बजे के बाद हुई थी. सफारी कार वहां से जाते वक्त एक CCTV कैमरे में कैद हो गई थी.

क्या हुई कार्रवाई
कार चोरी की वारदात एक आईपीएस अधिकारी के घर पर हुई थी. लिहाजा नोएडा पुलिस ने तुरंत आईजी आनंद स्वरूप की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया. कार को तलाश करने के लिए पुलिस की कई टीम बनाई गई हैं. कई रास्तों पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज भी खंगाली गई है. लेकिन कार चोरी होने के लगभग 27 दिन बाद भी पुलिस के हाथ खाली हैं. डिप्टी एसपी अनूप यादव के मुताबिक पुलिस को कुछ जानकारी मिली है लेकिन अभी पुख्तातौर पर कुछ कहा नहीं जा सकता. कार को तलाश किया जा रहा है. पुलिस जांच की दिशा दिल्ली की तरफ है.

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आनंद स्वरूप ने साधी चुप्पी
घर के बाहर से कार चोरी हो जाने के बाद से ही आईजी आनंद स्वरूप ने चुप्पी साध रखी है. वे इस बारे में मीडिया से कोई बात नहीं कर रहे हैं. आज तक ने उनसे फोन पर संपर्क किया और इस संबंध में बात करने की कोशिश की लेकिन उनकी तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली. उनकी चुप्पी को लेकर भी कई सवाल खड़े हो रहे हैं.

पुलिस ने जारी किया था अलर्ट
26 जनवरी से ठीक पहले आईजी आनन्द स्वरूप की कार चोरी होने से पुलिस की परेशानी बढ़ गई थी. इस संबंध में पुलिस ने एक अलर्ट भी जारी किया था. ताकि कार के बारे में आस-पास के राज्यों को भी सर्तक किया जा सके. लेकिन बावजूद अलर्ट के अभी तक कार की कोई खबर नहीं है.

कार चोरी के बाद उठे कई सवाल
पठानकोट हमले से पहले भी गुरदासपुर के एसपी की नीली बत्ती लगी कार आतंकी लूट कर ले गए थे. जिसका इस्तेमाल उन्होंने पुलिस की नजरों से बचने के लिए किया था. ठीक उसी तरह से संदिग्ध हालात में आईजी की कार चोरी होना अपने आप में कई सवाल पैदा करता है.

मसलन, सेक्टर 23 की जिस गेटबंद कॉलोनी में आईजी आनंद स्वरूप का घर है, वहां कोई आम चोर कार चुराने की हिम्मत कैसे कर सकता है. जबकि सफारी कार के ऊपर नीली बत्ती भी लगी थी. गेट पर 24 घंटे गार्ड मौजूद रहते हैं. कार बिल्कुल नई थी तो उसमें कोई चाबी बगैर डुप्लीकेसी के नहीं लग सकती थी.

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अगर रात में 3 बजे कोई अजनबी कॉलोनी में अंदर आया था तो गार्ड ने उसे कैसे जाने दिया और अगर जाने दिया तो उसकी एंट्री भी की होगी. या चोर अगर पहले से अंदर ही मौजूद था तो गार्ड ने कार के बाहर जाते वक्त देखा क्यों नहीं कि कार कौन चला रहा है. जाहिर रात में सभी कॉलोनियों के गेट बंद रहते हैं.

अगर सीसीटीवी कैमरा फुटेज में कार जाते हुए दिख रही है मगर कार चलाने वाला नहीं तो इसका मतलब है कि चोरी करने वाला पहले से ही सावधान था. वह कैमरे की नजर से बचा रहा. जिससे लगता है कि चोर या तो कॉलोनी से वाकिफ था या फिर उसने कई बार यहां आकर रेकी की थी.

पुलिस के मुताबिक उसी दिन कार किसी तकनीकी खामी के चलते ओखला में सर्विस सेंटर भी गई थी. क्या पुलिस ने वहां के स्टॉफ से पूछताछ की. अगर वहां से कार चोरी के तार जुड़े हैं तो पुलिस ने अभी तक इस मामले में साफतौर पर कुछ क्यों नहीं कहा.

फिलहाल, पुलिस और आईजी आनंद स्वरूप की चुप्पी ने इस मामले को और पेचीदा बना दिया है. जब तक मामले का खुलासा नहीं हो जाता या कार नहीं मिल जाती तब तक पुलिस के लिए यह मामला एक बड़ा सिरदर्द बना रहेगा.

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