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सजा देने वाले जज ने किया था गांधी का जिक्र, कहा- महिला कमजोर नहीं

'महिला को कमजोर मानना उसका अपमान करना है. ये पुरुषों द्वारा उनके प्रति अन्याय है. अगर मजबूती से मतलब कठोरता से है तो हां महिलाएं पुरुषों से कम निर्दयी हैं.

गुरमीत राम रहीम गुरमीत राम रहीम
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 29 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 10:50 AM IST

गुरमीत राम रहीम को रेप का दोषी मानते हुए सीबीआई की विशेष अदालत ने 20 साल की सजा सुनाई है. इस फैसले को सुनाने वाले जज जगदीप सिंह ने अपने फैसले में महात्मा गांधी के कथन का जिक्र किया है.

जज ने महात्मा गांधी के कथन को सामने रखते हुए कहा- 'महिला को कमजोर मानना उसका अपमान करना है. ये पुरुषों द्वारा उनके प्रति अन्याय है. अगर मजबूती से मतलब कठोरता से है तो हां महिलाएं पुरुषों से कम निर्दयी हैं. अगर ताकत का मतलब नैतिक ताकत से है तो महिलाएं इसमें पुरुषों से ऊपर हैं. महिला अधिक त्याग करने वाली होती है. क्या उसके पास अधिक साहस नहीं होता? महिला के बिना पुरुष नहीं हो सकते. अगर अहिंसा हमारे होने में निहित है, भविष्य महिला के साथ है.'

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जज ने राम रहीम को किसी भी तरह की रियायत देने से भी इनकार कर दिया था.

जेल पहुंचा राम रहीम

सजा मिलने के बाद रात राम रहीम पूरी रात जेल के बैरक में जागता रहा और इधर से उधर टहलता रहा. गुरमीत को खाने में 4 रोटी और सब्जी दी गई थी, लेकिन उसने सिर्फ आधी रोटी ही खाई. राम रहीम को जेल प्रशासन ने नया कैदी नंबर 8647 दिया है.

डेरा सच्चा सौदा रहते हुए अरबों की संपत्ति बनाने वाले राम रहीम को माली के अलावा फैक्ट्री में भी काम करना होगा. इसके लिए उसे 40 रुपये रोज का मेहनताना दिया जाएगा. सोमवार की दोपहर सीबीआई की विशेष कोर्ट ने रोहतक जेल में राम रहीम को 20 साल जेल की सजा सुनाई. सजा सुनने के बाद रामरहीम फर्श पर ही बेसुध बैठ गया और माफी मांगने लगा.   

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