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व्हाइट हाउस की सख्त चेतावनी- PAK से निपटने के सभी विकल्प खुले

अमेरिका ने सख्त लहजे में कहा कि अगर पाकिस्तान तालिबान व हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई और उनके पनाहगाहों का खात्मा नहीं करता है, तो उससे निपटने के सभी विकल्प खुले हुए हैं.

पाकिस्तानी पीएम अब्बासी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप पाकिस्तानी पीएम अब्बासी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप
राम कृष्ण
  • वॉशिंगटन,
  • 06 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 8:18 PM IST

आतंकवाद के पनाहगाह पाकिस्तान को अमेरिका ने एक बार फिर खुली चेतावनी दी है. शनिवार को अमेरिका ने सख्त लहजे में कहा कि अगर पाकिस्तान तालिबान व हक्कानी नेटवर्क के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई और उनके पनाहगाहों का खात्मा नहीं करता है, तो उससे निपटने के सभी विकल्प खुले हुए हैं.

अमेरिका ने आतंकी संगठनों पर कार्रवाई करने में विफल रहने को लेकर पाकिस्तान को दी जाने वाले दो अरब डॉलर की सुरक्षा सहायता बंद कर दी है, जिसके बाद उसकी यह चेतावनी सामने आई है. अमेरिका ने कहा कि वह पाकिस्तान से निपटने के लिए सभी विकल्प खुले रख रहा है.

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आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान को करनी ही होगी कार्रवाई

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान से निपटने और उसे तालिबान व हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई के लिए राजी करने के लिए सुरक्षा मदद रोकने के अलावा अमेरिका कई विकल्पों पर विचार कर रहा है. उन्होंने कहा, ''निश्चित तौर पर इस खतरे से निपटने के लिए किसी को भी अमेरिका के संकल्प पर संदेह नहीं करना चाहिए और मैं कहूंगा कि सभी विकल्प खुले हैं.''

पाकिस्तान का गैर नाटो सहयोगी दर्जा छीनने की मांग

कुछ नीति निर्माताओं ने व्हाइट हाउस से पाकिस्तान का गैर नाटो सहयोगी का दर्जा हटाने और उस पर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष व संयुक्त राष्ट्र जैसे बहुपक्षीय संस्थानों के जरिए दबाव बनाने के लिए कहा है. बहरहाल, ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने इनमें से कोई भी विकल्प अपनाने से इनकार किया है.

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उन्होंने कहा, ''इस समय मैं अमेरिका की ओर से उठाए जाने वाले खास कदमों के बारे में नहीं बता सकता हूं, लेकिन किसी को भी इसमें शक नहीं होना चाहिए कि हम इन खतरों से निपटने की कोशिश कर रहे हैं. हम सभी विकल्पों पर गौर कर रहे हैं. हालांकि हम पाकिस्तान के साथ सहयोग की उम्मीद सकते हैं.''

आतंकियों के पनाहगाहों के खिलाफ हो कार्रवाई चाहता है US

ट्रंप प्रशासन के अधिकारी ने कहा कि अमेरिका चाहता है कि तालिबान और हक्कानी नेटवर्क के मौजूदा पनाहगाहों के खिलाफ कार्रवाई की जाए व अफगानिस्तान में हमले करने की उसकी क्षमता खत्म की जाए. अधिकारी ने कहा, ''हमारा मानना है कि इस क्षेत्र के भविष्य के लिए पाकिस्तान को इन आतंकवादी तत्वों के खिलाफ कार्रवाई करने की जरुरत है. जब तक वे आतंकवाद की समस्या से नहीं निपटेंगे, तब तक अमेरिका के हितों को नुकसान पहुंचेगा. आतंकवाद की समस्या पाकिस्तान समेत किसी के भी हित में नहीं है.''

आतंकियों पर कार्रवाई करने पर बहाल होगी सहायता

उन्होंने कहा कि इस समय अमेरिका पाकिस्तान के साथ सहयोग करने को प्राथमिकता देता है और इसे लेकर आशान्वित भी है. इस बीच रक्षामंत्री जिम मैटिस ने कहा कि अगर पाकिस्तान आतंकवादी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई करता है, तो अमेरिका रोकी गई सुरक्षा सहायता को बहाल करेगा.

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आतंकवाद पर कार्रवाई में पाकिस्तान सरकार और सेना में तनाव बाधक

अमेरिका के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान में सरकार और सेना के बीच तनाव है. इस वजह से अमेरिका आतंकवाद से मुकाबले के लिए पाकिस्तान से ठोस वार्ता नहीं कर पा रहा है. पाकिस्तान में सरकार और सेना के बीच तनाव के चलते आतंकियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो रही है. अधिकारी ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तान सरकार व सैन्य नेतृत्व दोनों के साथ भागीदारी जारी रखेगा.

उन्होंने कहा कि चीजों को लेकर साफ और स्थिर रूख के साथ देखना होगा कि अब पाकिस्तान के साथ यह कैसे काम करता है? अधिकारी ने कहा कि पाकिस्तान अनिश्चितता की दशा में है, क्योंकि वहां अगले छह-सात महीने में आम चुनाव हो सकते हैं. निश्चित तौर पर सेना और सरकार के बीच उच्च स्तर का तनाव है. इस वजह से प्रभावशाली बातचीत की हमारी क्षमता जटिल हो गई.

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