Advertisement

आखिर नवजोत सिंह सिदधू के दाव के पीछे किसका रहा हाथ?

अब जल्द ही पति-पत्नी 'आप' में नजर आएंगे. दिलचस्प ये रहेगा की पत्नी नवजोत कौर बाकायदा चुनावी मैदान में कूदेंगी लेकिन सिद्धू सिर्फ प्रचार की कमान संभालेंगे. क्योंकि आप संविधान के मुताबिक एक परिवार का कोई एक सदस्य ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकता है.

नवजोत सिंह सिद्धू नवजोत सिंह सिद्धू
प्रियंका झा/रीमा पाराशर
  • नई दिल्ली,
  • 20 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 1:45 AM IST

कहते हैं हर कामयाब इंसान के पीछे एक औरत का हाथ होता है फिर चाहे राजनीति हो या आम जिंदगी. इस कहावत की मिसाल कहीं भी देखी जा सकती है. अब क्रिकेटर से नेता बने नवजोत सिंह सिद्दू को ही लीजिए, राज्यसभा से इस्तीफा देकर उन्होंने बीजेपी और राजनितिक पंडितों को सकते में डाल दिया. कहा गया कि सिद्धू राजनीति में ऐसे मंझ गए हैं कि बड़े-बड़े खिलाड़ियों को भी शिकस्त दे दी. लेकिन हकीकत तो ये है की सिद्धू के इस चौकाने वाले फैसले के पीछे कोई और नहीं बल्कि उनकी पत्नी नवजोत कौर की अहम भूमिका रही. जिन्होंने अपने पति को राजनितिक भविष्य के सपने दिखाकर बीजेपी से किनारा करने की सीख दी.

Advertisement

सूत्रों के मुताबिक नवजोत कौर पिछले 6 महीने से आम आदमी पार्टी से संपर्क बनाए हुए थी. कई बार पार्टी के बड़े नेताओं से मुलाकात कर आप से जुड़ने की इच्छा भी जता चुकी थीं. लेकिन आम आदमी पार्टी उनके पति नवजोत सिंह सिद्धू की बीजेपी के प्रति निष्ठा की वजह से दूरी बनाए हुए थे. आगामी पंजाब चुनाव में आप की बेहतर संभावना को देखते हुए आखिरकार पेशे से डॉक्टर नवजोत कौर को मर्ज समझ आया और इलाज भी. उन्होंने अपने पति सिद्धू को आप के साथ हाथ मिलाने के लिए राजी किया. इस शर्त के साथ कि उनके जिस हुनर को इतने साल उनकी पार्टी बीजेपी नहीं पहचान सकी उस हीरे को आम आदमी पार्टी तराशेगी. यानी पूरे चुनाव में जो चेहरा सबसे ज्यादा चमकेगा वो नवजोत सिद्धू का होगा.

Advertisement

सिद्धू के हां भरते ही नवजोत कौर ने आप नेताओ को ऑफर बताया. राज्य में लोकप्रिय चेहरे की तलाश में जुटी आप को बैठे बिठाए सब कुछ मिल गया. चेहरा भी और अकाली भाजपा गठबंधन के खिलाफ भरष्टाचार पर बोलने वाली बुलंद आवाज भी. पार्टी ने देरी किए बिना ऑफर मंजूर कर लिया. यहां तक कि सिद्धू को ये भी समझाया गया कि वो मनोनीत सांसद होने के नाते इस्तीफा दिए बिना भी बीजेपी से संबंध तोड़कर आप का दामन थाम सकते हैं. लेकिन सिद्धू ने जमीर और उसूलो का हवाला देकर राज्यसभा से इस्तीफा देकर ही आगे की पारी खेलने का फैसला किया.

अब जल्द ही पति-पत्नी 'आप' में नजर आएंगे. दिलचस्प ये रहेगा की पत्नी नवजोत कौर बाकायदा चुनावी मैदान में कूदेंगी लेकिन सिद्धू सिर्फ प्रचार की कमान संभालेंगे. क्योंकि आप संविधान के मुताबिक एक परिवार का कोई एक सदस्य ही पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ सकता है.

वैसे भी सिद्धू को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाने की खबरें आते ही आप में भी अंदरुनी खींचतान शुरू हो गई. राज्य के भगवंत मान, गुल पनाग जैसे नेताओं को ये बात अखरी और पार्टी को सफाई देनी पड़ी कि इस तरह का कोई भी फैसला पार्टी आपस में मिल बैठकर लेगी. फिलहाल सिद्धू अपनी नई पारी खेलने को तैयार है और इस बार एक खिलाड़ी की तरह हर वो दाव चलेंगे जो दुश्मन के छक्के छुड़ा दे.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement