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ये हैं वो तीन वकील, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने सौंपी शाहीन बाग केस की मध्यस्थता

शीर्ष अदालत ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों को हटाने के ऑप्शन पर चर्चा करने और उनसे बात करने को कहा है. इसके लिए इन तीन लोगों को मध्यस्थ बनाया गया है, जानें- कौन हैं ये?

वजहत हबीबुल्लाह, साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े (बायें से दायें) वजहत हबीबुल्लाह, साधना रामचंद्रन और संजय हेगड़े (बायें से दायें)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2020,
  • अपडेटेड 6:08 PM IST

दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ पिछले दो महीने से प्रदर्शन जारी है. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान अदालत ने प्रदर्शनकारियों से बात करने के लिए एक वार्ताकार नियुक्त किया है. ये वार्ताकार हैं वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े.  कोर्ट ने वकील साधना रामचंद्रन और वजहत हबीबुल्लाह को भी वार्ताकार बनाया है. अदालत ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों को हटाने के ऑप्शन पर चर्चा करने और उनसे बात करने को कहा है.

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वकालत का लंबा अनुभव रखने वाले संजय हेगड़े, साधना रामचंद्रन और पूर्व आईएएस वजाहत हबीबुल्लाह सरकार और प्रदर्शनकारियों के बीच पुल का काम करेंगे.

कौन हैं संजय हेगड़े (Who is Sanjay Hegde?)

संजय हेगड़े सुप्रीम कोर्ट में वरिष्ठ वकील हैं. वो हाल ही में अपने एक ट्वीट से चर्चा में आए थे. उनके विवादित ट्वीट के कारण उनका अकाउंट भी कुछ दिनों के लिए निलंबित कर दिया गया था. इसे लेकर उन्होंने नाराजगी भी जताई थी.  ट्विटर पर उनके अकाउंट को फिर से रीस्टोर करने के लिए एक अभियान भी चला था. बता दें कि संजय हेगड़े ने एलएलबी की पढ़ाई 1989 में बॉम्बे विश्वविद्यालय से की. इसके बाद उन्होंने 1991 में इसी विश्वविद्यालय से एलएलएम की पढ़ाई भी की थी.

साधना रामचंद्रन (Who is Sadhna Ramchandran?)

साधना रामचंद्रन सुप्रीम कोर्ट की वरिष्ठ अधिवक्ता हैं.वकालत के क्षेत्र में उनका लंबा अनुभव है. साधना रामचंद्रन दिल्ली उच्च न्यायालय के प्रस्ताव पर मध्यस्थता विभाग के सचिव पद पर भी रही हैं.

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वजाहत हबीबुल्लाह (Who is Wazhat Habibullah?)

वरिष्ठ आईएएस वजाहत हबीबुल्लाह भारत के पहले मुख्य सूचना आयुक्त रहे हैं. उन्हें भी सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त मध्यस्थता टीम में शामिल किया गया है. वो वार्ताकारों और शाहीनबाग के प्रदर्शनकारियों के बीच मध्यस्थता की कड़ी होंगे. बता दें कि हबीबुल्ला राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष भी रहे हैं. वो पंचायती राज मंत्रालय में भारत सरकार के सचिव रह चुके हैं. हबीबुल्लाह 1968 से अगस्त 2005 में अपनी रिटायरमेंट तक भारतीय प्रशासनिक सेवा अधिकारी रह चुके हैं. अब ये तीनों वार्ताकार शाहीनबाग मामले में प्रदर्शनकारियों से बातचीत करेंगे.

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