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गुजरात CM को लेकर BJP में मंथन, स्मृति ईरानी रेस में सबसे आगे?

गुजरात चुनाव के नतीजे तो आ गए. पर अब सवाल यह है कि गुजरात में सीएम की कुर्सी किसके भाग्य में है. पढ़ें पूरी खबर और जानें कि कौन है इस रेस में सबसे आगे...

कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी
वंदना भारती/गोपी घांघर
  • अहमदाबाद,
  • 18 दिसंबर 2017,
  • अपडेटेड 12:14 PM IST

भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने अपने गढ़ गुजरात में छठी बार जीत हासिल की. हालांकि जीत की राह में कांग्रेस के नवनिर्वाचित अध्यक्ष राहुल गांधी के बदले हुए अवतार ने खासा मुसीबतें खड़ी की. शायद यही वजह है कि अपने ही गढ़ में बीजेपी को बेहद कम मार्जिन से जीत हासिल हुई है.

चुनाव के दौरान गुजरात में बीजेपी के विकास पर कई सवाल खड़े किए गए. जीत के जो आंकड़े मिले हैं उसके बाद सूत्रों की मानें तो गुजरात में मुख्यमंत्री का चेहरा बदल सकता है.  

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सूत्रों की मानें तो गुजरात में विजय रूपाणी के स्थान पर किसी दूसरे व्यक्त‍ि को यह पद दिया जा सकता है. जानकारी के अनुसार पार्टी को एक ऐसा चेहरा चाहिए, जो गुजरात में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कि लोकप्रियता की बराबरी भले ही ना कर पाए, पर गुजरात में बीजेपी ने जिस विकास का भरोसा दिलाया है उसे पूरा कर सके. जनता की उम्मीदों पर खरा उतरे और साथ ही बीजेपी नेताओं को संगठ‍ित करने में भी सक्षम हो, जो इस चुनाव में अलग-थलग होते दिखे.  

सूत्रों की मानें तो इस दौड़ में कपड़ा मंत्री स्मृति ईरानी का नाम सबसे आगे हैं. मजबूत नेतृत्व में पारांगत और गुजराती भाषा की जानकार होने के साथ ही स्मृति ईरानी प्रधानमंत्री के करीबी मंत्रीओं में से एक हैं. ऐसे में सूत्रों ने यह संभावना जताई है कि स्मृति ईरानी गुजरात की अगली मुख्यमंत्री बन सकती हैं.

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वहीं, सीएम पद के इस दौड़ में दूसरे स्थान पर केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग और शिपिंग के राज्य मंत्री मनसुख मांडविया का नाम है. मांडविया पाटीदार होने के साथ-साथ किसान और जमीन से जुड़े नेताओं में शामिल हैं.  

जबकि सूत्र तीसरे स्थान पर वजुभाई वाला का नाम बता रहे हैं. वजुभाई क्षत्रिय समाज से आते हैं. वह कर्नाटक के वर्तमान गवर्नर हैं और गुजरात विधानसभा के पूर्व स्पीकर. वजुभाई वाला के पोर्टफोलियो में फाइनेंस, मजदूर और रोजगार जैसे अहम क्षेत्र जुड़े हुए हैं. संगठन के जानकार और सौराष्ट्र में अच्छी खासी पकड़ रखने वाले वजुभाई के नाम पर भी मुहर लग सकती है.

स्पष्ट है कि जो नतीजे गुजरात चुनाव के आए हैं उससे पीएम मोदी खुश नहीं हैं. साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए गुजरात बेहद अहम है. ऐसे में प्रधानमंत्री गुजरात लीडरश‍िप को लेकर किसी भी तरह की चूक नहीं होने देना चाहते हैं. 

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