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ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी बन सकते हैं राजस्थान क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष

राजस्थान क्रिकेट के गलियारों में कुछ हलचल है. क्या राजस्थान क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी होंगे? रुचिर मोदी ने ठीक उसी तरह से राजस्थान क्रिकेट में एंट्री मारी है.

ललित मोदी का बेटा रुचिर मोदी ललित मोदी का बेटा रुचिर मोदी
शरत कुमार/अमित रायकवार
  • राजस्थान ,
  • 12 सितंबर 2016,
  • अपडेटेड 2:47 PM IST

राजस्थान क्रिकेट के गलियारों में कुछ हलचल है. क्या राजस्थान क्रिकेट संघ के नए अध्यक्ष ललित मोदी के बेटे रुचिर मोदी होंगे? रुचिर मोदी ने ठीक उसी तरह से राजस्थान क्रिकेट में एंट्री मारी है. जिस तरह से उनके पिता ललित मोदी ने नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर एंट्री मारी थी.

क्या रुचिर मोदी की होगी ताजपोशी?
राजस्थान के अलवर जिले के क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद पर रुचिर मोदी की ताजपोशी हुई है. राजस्थान क्रिकेट संघ के सचिव सोमेंद्र तिवारी के मुताबिक 23 अगस्त को अलवर जिला संघ में हुए चुनाव में रुचिर अध्यक्ष पद पर जीते हैं. हैरान कर देने वाली बात ये है कि किसी को कानों कान खबर तक नहीं हुई और रुचिर मोदी चुनाव जीत भी गए. रुचिर  21 जुलाई को राजस्थान क्रिकेट संघ के जयपुर दफ्तर पहुंचे थे.

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अलवर में जमीन खरीदी है रुचिर मोदी ने
किसी भी जिला के अध्यक्ष पद पर चुनाव लड़ने के लिए उस जिले में जमीन होनी जरुरी है और रुचिर मोदी ने अलवर में जमीन खरीदी है. हालांकि, रुचिर का अपने पिता के साथ जयपुर में मैच देखने आने के अलावा राजस्थान क्रिकेट से कोई जुड़ाव नहीं रहा है. रुचिर मुंबई से ग्रेजुएशन कर रहे हैं. देश से भागने और गबन के आरोपों के बावजूद ललित मोदी के राजस्थान क्रिकेट संघ का अध्यक्ष पद पर बने रहने की वजह से बीसीसीआई ने आरसीए की मान्यता रद्द कर रखी है. इसलिए रुचिर मोदी को आरसीए का अध्यक्ष बनाकर बीसीसीआई से आरसीए की मान्यता बहाल करवाई जाएगी. ऐसा भी कहा जा रहा है कि रुचिर मोदी की राजस्थान क्रिकेट को मजबूत करने के लिए ही ललित मोदी ने साउथ अफ्रीका के क्रिकेट और भारतीय टीम के पूर्व कोच गैरी कर्सटन को राजस्थान के क्रिकेट खिलाड़ियों को कोचिंग देने के लिए भेजा है.

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विवादों में हैं अलवर चुनाव
रुचिर मोदी भले ही अलवर जिले के क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बन गए हों. लेकिन ये विवाद अभी लंबा चलेगा. जैसे कि ललित मोदी के नागौर से अध्यक्ष बनने पर हुआ था. 2010 से ही अलवर जिला क्रिकेट संघ के चुनाव पर रोक लगी हुई है. लेकिन आरसीए के सचिव सोमेंद्र तिवारी की मानें तो सारी फॉर्मेलिटीज पूरी कर ली गई है, और एक यही जिला खाली था इसलिए रुचीर मोदी को अलवर से लाया गया.

इसी तरह से क्रिकेट की सत्ता में आए थे ललित मोदी
ललित मोदी की भी इसी तरह क्रिकेट में एंट्री हुई थी. 2003 दिसंबर में सत्ता में आते ही वसुंधरा राजे ने किशोर रुंगटा, कमल मोरारका और राजसिंह डूंगरपूर की तिकड़ी को खत्म करते हुए एक खेल अध्यादेश लाकर क्रिकेट एसोशिएसन के चुनाव का ऐलान कर दिया था. तब तक राजस्थान में ललित मोदी को न कोई जानता था और न किसी को पता था कि अक्टूबर 2004 का खेल अध्यादेश किस लिए है. उस समय नागौर में ललित कुमार नाम के एक शख्स ने जमीन खरीदी और ललित कुमार दिसंबर 2004 में नागौर जिला क्रिकेट का अध्यक्ष बन गए. लेकिन नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष पद की हैसियत से अचानक 21 मई को ललित मोदी को राजस्थान क्रिकेट का अध्यक्ष चुन लिए गया. ये सब इतनी जल्दी हुआ कि रुंगटा, मोरारका और राज सिंह डूंगरपुर को कुछ पता भी नहीं चल पाया. ललित कुमार और ललित मोदी के हस्ताक्षर में अंतर को लेकर रुंगटा कोर्ट गए जहां ललित मोदी के पक्ष में ही फैसला आया.

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