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जानिए ऐसे 10 लोगों के बारे में जिन्‍होंने मौत से जीती बाजी

मौत को मात देने वाली कहानियां आए दिन आप टीवी और अखबारों में पढ़ते और सुनते होंगे. अब जानिए उन लोगों की कहानी जो कुछ घंटे और दिन नहीं बल्कि कई-कई महीनों तक अमानवीय हालातों में ज़िंदा रहे और सुरक्षित अपने परिवारों के पास लौटे...

Who would win in a fight to the death Who would win in a fight to the death

मौत को मात देने वाली कहानियां आए दिन आप टीवी और अखबारों में पढ़ते और सुनते होंगे. अब जानिए उन लोगों की कहानी जो कुछ घंटे और दिन नहीं बल्कि कई-कई महीनों तक अमानवीय हालातों में जिंदा रहे और सुरक्षित अपने परिवारों के पास लौटे...


एंडीज हादसा:
साल 1972 में उरग्वे की रग्बी टीम को लेकर जा रहा विमान एंडीज की पहाड़ियों पर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. हादसे में 12 लोगों की मौत के शिकार हो गए लेकिन जो बचे उन्होंने मौत से ज़्यादा बुरा वक्त अपनी आंखों से देखा. हादसे के पीड़ितों ने -30 डिग्री सेल्सियस में 72 दिन गुज़ारे. खाद्य सामग्री न होने के कारण, उन्होंने अपने ही मरे हुए साथियों के मांस को सुरक्षित रखा और खाया. इसके बाद पीड़ितों में से दो लोगों ने पहाड़ों पर ट्रैकिंग का फैसला लिया. इसके परिणाम स्वरुप हादसे में बाकी बचे 16 लोगों की जान बच सकी.

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7 बार मौत से मुकाबला :
अपनी जिंदगी में साल 1942 से 1977 के दौरान रॉय सुलिवन पर 7 बार बिजली के शिकार बने लेकिन हर बार वो बच गए. हालांकि इससे उनकी ऐडी और सीने पर चोटें भी आईं लेकिन वो इतनी गंभीर नहीं थी.

रेगिस्तान से मुकाबला:
पेशे से धावक मौरो प्रोसपेरी ने कभी नहीं सोचा होगा कि उनकी ज़िंदगी में एक ऐसी दौड़ भी होगी जिसे वो कभी नहीं भूल पाएंगे. 42 किमी मैराथन में हिस्सा ले रहे और मौरो तूफान की चपेट में आकर सहारा के रेगिस्तान में फंस गए थे. 9 दिनों तक जिंदा रहने के लिए मौरो ने चमगादड़ का खून और सांप खाकर अपनी भूख मिटाई. खुद को बचाने के लिए मौरो 200 किमी से ज़्यादा दौड़े. 9 दिनों के दौरान मौरो का 18 किलोग्राम वज़न घट चुका था.

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रियल लाइफ ऑफ पाई:
ज़ोस सेल्वाडोर अल्वारेंजा की कहानी आपको फिल्म लाइफ ऑफ पाई से मिलती जुलती लग सकती है. ज़ोस ने 13 महीनों तक प्रशांत महासागर में मौत से जंग लड़ी. समुद्र के बेहद कठिन हालातों में ज़ोस ने मछली, कछुए और पक्षियों के खून से अपनी भूख मिटाई. प्यास मिटाने के लिए उन्होंने बारिश और अपने मूत्र का सहारा लिया. 13 महीने के दौरान वो समुद्र में 10 हज़ार किमी तक तैरते रहे.

मौत के तीन दिन:
नाव दुर्घटना में अकेले बचे हैरिसन की दास्तां दुनिया ने देखी. अपने साथ‌ियों के मारे जाने के बाद हैरिसन ने कैसे मौत को मात दी वो हैरान कर देने वाला था. गद्दों के ढेर लगाकर एक छोटे से एयर पॉकेट में हैरी तीन दिन तक बिना पानी और खानी के आधे पानी में डूबे खड़े रहे.

भूकंप की शिकार:
2013 में बांग्लादेश की राजधानी ढाका भूकंप की शिकार बनी. इस तबाही मचाने वाले भूकंप के कारण हज़ारों लोगों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा. लेकिन इस बीच एक रेशमा की कहानी ने सबको हैरान कर दिया. 17 दिनों तक रेशमा इमारत के मलबे के नीचे सिर्फ थोड़े से सूखे खाने और पानी के साथ दबी रहीं. राहत बचाव कार्य दल ने रेशमा को खोज निकाला.

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9 साल सहा उत्पीड़न:
अमेरिका की ओर वियतनाम में लड़ने वाले जिम थॉम्पसन की कहानी बेहद दिलचस्प और डराने वाली है. जिम को वियतनामी सेना ने बंधक बना लिया और 9 साल तक प्रताड़ित किया. लगातार पीटने और प्रताड़ना से वो बेहद कमजोर और बीमार हो गए. उनकी हालत का अंदाजा इससे लग सकता है कि जब उन्हें बचा के लाया गया तो उनका वज़न महज़ 40 किलो था.

खदान में जंग:
इन कहानियों के बीच चीन के मेंग भाइयों की कहानी बेहद चौंका देने वाली है. कोयला खदान में काम करने वाले दोनों मेंग भाई, खदान धंस जाने के कारण 66 फीट अंदर दब गए. इन भाइयों की मदद के लिए आई रेस्क्यू टीम भी हार मान गई लेकिन कोयला खाकर और अपना मूत्र पीकर दोनों भाइयों ने मौत से हार नहीं मानी. एक कुल्हाड़ी के सहारे मेंग भाई न सिर्फ बाहर आए बल्कि सबके लिए मिसाल साबित हुए.

दो महीने का नर्क:
ऑस्ट्रेल‌िया का बंजर इलाका धरती में सबसे कठिन और विपरित हालातों के लिए जाना जाता है. साल 2012 में ऑस्ट्रेलिया में भीषण गर्मी के हालात थे और इस दौरान मैथ्यू ऐलन उस बंजर इलाके में पानी की तलाश के चलते भटक गया. 9 हफ्तों तक मैथ्यू हरा देने वालों हालातों में रहा और हाइकर्स ने उसे खोजा. इस दौरान उसका स्वास्थ्य काफी ख़राब हो चुका था.

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मौत से लड़ने वाला ट्रू-मैन!:
ट्रू-मैन डंकन की कहानी जितनी हैरान करने वाली है, उतनी ही परेशान करने वाली भी. एक रेल हादसे की चपेट में आकर ट्रू-मैन के शरीर के दो हिस्से हो गए थे. हादसे में न सिर्फ ट्रू-मैन का शरीर लगभग दो टुकड़ों में हो गया बल्कि उनकी किडनी भी ख़त्म हो गई. हादसे के 45 मिनट तक ट्रू-मैन मदद के लिए तड़पते रहे और तब उन्हें मदद मिली. इसके बाद ट्रू-मैन की 23 सर्जरी हुईं और तब जाकर वो बच सके.

सौजन्‍य: Newsflicks

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