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आखिर दिल्ली मेट्रो ने क्यों मांगी माफी?

दिल्ली मेट्रो के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल ने वीडियो जारी कर यात्रियों से परेशानी के लिए मांगी मांफी. साल की शुरुआत से अब तक तीन दिनों तक हो चुकी हैं दिक्कतें.

दिल्ली मेट्रो दिल्ली मेट्रो
कपिल शर्मा
  • नई दिल्ली,
  • 13 जनवरी 2017,
  • अपडेटेड 7:20 AM IST

दिल्ली मेट्रो यूं तो दिल्लीवालों की पहली पसंद है. सफर का शानदार साधन है. दिल्ली वाले अपनी मेट्रो पर फक्र करते हैं. देश और दुनिया में मेट्रो के नाम पर इठलाते भी है लेकिन उसी दिल्ली मेट्रो को माफी मांगनी पड़ी. आखिर ऐसी कौन सी वजह रही कि दिल्ली मेट्रो अपने मुसाफिरों से माफी मांग रही है. तो चलिए हम आपको बताते हैं कि ऐसा क्या हुआ है. जिसने पहली बार मेट्रो को माफी मांगने के लिए मजबूर कर दिया.

दिल्ली मेट्रो के एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर अनुज दयाल ने एक वीडियो जारी कर मुसाफिरों को हो रही परेशानी और दिल्ली मेट्रो में आ रही लगातार खराबियों के लिए माफी मांगी है. अनुज दयाल ने वीडियो में तकनीकी खराबियों की वजह से होने वाली दिक्कतों को समझाते हुए कहा कि इन खराबियों की वजह से मुसाफिरों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है.

दरअसल दिल्ली मेट्रो इस साल की शुरुआत से ही मुसाफिरों के लिए मुश्किल का सबब बनी हुई है. जनवरी महीने में तीन बार ऐसे मौके आए हैं जब मेट्रो में बड़ी तकनीकी खराबियां आयी हैं. इसकी वजह से घंटों तक मेट्रो की सर्विसेज प्रभावित रही हैं. इस वजह से मेट्रो में सफर करने वाले मुसाफिरों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा है.

लगातार दूसरे दिन मेट्रो में जारी रही खराबी
गुरुवार को लगातार दूसरे दिन मेट्रो की ब्लू लाइन में खराबी आयी और सुबह-सुबह ऑफिस जाने के लिए निकले मुसाफिरों को जबरदस्त परेशानी का सामना करना पड़ा. दरअसल मेट्रो की ब्लू लाइन यानी द्वारका नोएडा वैशाली रूट का संपर्क आपरेशनल कंट्रोल रूम से टूट गया. इसके पीछे ओसीसी की बिजली गुल होना वजह बतायी गयी. इसकी वजह से द्वारका नोएडा वैशाली लाइन के बीच चल रही तमाम मेट्रो ट्रेन का कंट्रोल रूम से संपर्क टूट गया. ऐसे में मेट्रो को ट्रेनों का मैन्युअल ऑपरेशन करना पड़ा.
मैन्युअल ऑपरेशन में मेट्रो की रफ्तार सामान्य से कहीं कम हो जाती है. इस दौरान 57 किलोमीटर लंबे इस रूट में करीब 17 इंटरलॉकिंग स्टेशन के बीच मेट्रो का ऑपरेशन वायरलेस सेट के जरिए ऑपरेट किया जाता है. इस पूरी प्रक्रिया में वक्त लगता है और कॉर्डिनेशन भी मुश्किल होता है. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि पचास स्टेशनों के बीच कई ट्रेन एक साथ ऑपरेशन में होती हैं.

हालांकि दिल्ली मेट्रो का दावा कि खराबी को एक घंटे के भीतर ही ठीक कर लिया गया लेकिन मुसाफिरों को करीब चार से पांच घंटे तक मेट्रो में देरी और रुक-रुक कर चलने वाली दिक्कतों से जूझना पड़ा. इसके पहले बुधवार को भी ब्लू लाइन का बुरा हाल रहा था. ट्रैक सर्किट फेल हो जाने की वजह से बुधवार को सुबह और शाम दोनों वक्त मेट्रो की सेवाएं बुरी तरह से प्रभावित रही थीं और इस दौरान मेट्रो में सफर कर रहे हजारों मुसाफिरों को दिक्कतों का सामना करना पड़ा था.

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