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यूजर्स की ऐक्टिविटी ट्रैकिंग को लेकर Google पर 5 बिलियन डॉलर का मुकदमा, जानें पूरा मामला

यूजर्स के प्राइवेट इंटरनेट यूज को ट्रैक करने के लिए Google पर कैलिफोर्निया के सैन होज़े में 5 बिलियन डॉलर का मुकदमा किया गया है. आइए इसे विस्तार से समझते हैं कि आखिर ये मामला क्या है..

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Munzir Ahmad
  • नई दिल्ली,
  • 08 जून 2020,
  • अपडेटेड 7:38 PM IST

अमेरिकी टेक कंपनी गूगल पर 5 बिलियन डॉलर का मुकदमा दर्ज किया गया है. वजह यूजर्स की प्राइवेसी से जुड़ा है. ये दरअसल एक क्लास ऐक्शन लॉसूट है. इसके तहत गूगल क्रोम और गूगल की दूसरी सर्विस यूजर्स की तरफ से कुछ लोगों ने मिल कर Google पर मुकदमा किया है.

बात शुरू होती है Incognito Mode से..

Google Chrome में एक फीचर है - इनकॉग्निटो मोड. इसे लोग तब यूज करते हैं जब उन्हें कुछ प्राइवेट ब्राउजिंग करनी होती है. आम तौर पर लोगों की सोच ये रहती है कि इनकॉग्निटो मोड पर बिना अपना ट्रेस छोड़े ही ब्राउजिंग कर सकते हैं. लेकिन ऐसा नहीं है.

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कहां फाइल किया गया है लॉ सूट?

अमेरिका के सैन होज़े (कैलिफोर्निया) के फेडरल कोर्ट में गूगल के खिलाफ ये मुकदमा किया गया है. वहां की एक लॉ फर्म की तरफ से ये मुकदमा दर्ज किया गया है.

Google पर क्या हैं आरोप?

सैन होज़े के फेडरल कोर्ट में फाइल किए गए इस मुकदमे में कहा गया है कि कंपनी गूगल अनालिटिक्स, गूगल ऐड मैनेजर और दूसरे ऐप्लिकेशन और वेबसाइट प्लगइन के जरिए यूजर्स को ट्रैक करता है. इनमें स्मार्टफोन्स के ऐप्स भी शामिल हैं.

इस शिकायत में गूगल पर काफी गंभीर आरोप लगाए गए हैं. कहा गया है कि कंपनी अपनी इन सर्विस के जरिए यूजर्स को पढ़ती है, उनके पर्सनल कॉन्टैक्ट्स के बारे में पता लगाती है, हॉबीज के बारे में जानती है और डायटिंग हैबिट्स ट्रैक करती है.

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इस मुकदमे में ये भी कहा गया है कि कंपनी यूजर्स द्वारा सर्च किए गए बेहद संवेदनशील चीजों का भी ट्रैक रखती है जो ऐसी चीजें हैं जो यूजर्स को शर्मसार कर सकती हैं.

मुकदमा करने वालों ने कहा है कि Google "कंप्यूटर या फोन के साथ लगभग हर अमेरिकी से गुप्त और अवैध डेटा संग्रह में संलग्न नहीं रह सकता है,’

क्या है मांग?

इस शिकायत में गूगल से मुआवजे की मांग की गई है. इसमें कहा गया है कि गूगल ने फेडरल वायरटैपिंग और कैलिफोर्निया प्राइवेसी लॉ का उल्लंघन किया है. इसकी वजह से लाखों लोग जो 1 जून 2016 से इनकॉग्निटो मोड यूज कर रहे हैं वो प्रभावित हुए हैं. हर यूजर्स के लिए 5,000 डॉलर के मुआवजे की मांग की गई है.

क्लास-ऐक्शन लॉ सूट की वजह से योग्य यूजर्स को मिल सकता है मुआवजा...

गूगल प्राइवेसी कानून के उल्लंघन पर मुकदमा करने वाले लोगों ने 5 बिलियन डॉलर यानी 3,77,45,02,50,000 रुपये टोटल मुआवजा मांगा है. अगर गूगल को कोर्ट ने दोषी पाया और 5 बिलियन डॉलर मुआवजा देने को कहा, तो ये लाखों यूजर्स में बंट सकता है.

चूंकि ये क्लास ऐक्शन लॉ सूट है, इसलिए जो भी योग्य यूजर होंगे और क्राइटेरिया को फुलफिल करेंगे उन्हें 5 बिलियन में से सबको एक तय रकम दी जा सकती है. हालांकि अभी मुकदमा दर्ज करने वाली लॉ फर्म ने कोई क्राइटेरिया तय नहीं किया है.

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बोइस शिलर फ्लेक्सनर लॉ फर्म की तरफ से ये मुकदमा दर्ज किया गया है. इनका कहना है कि गूगल बिना यूजर के कंसेंट के ही गलत तरीके से यूजर का डेटा इंटरसेप्ट और कलेक्ट कर रहा है.

गूगल का क्या कहना है?

गूगल के एक प्रवक्ता ने कहा है, ‘हम साफ तौर पर कह चुके हैं कि जितनी बार भी आप इनकॉग्निटो टैब ओपन करते हैं, वेबसाइट्स आपकी ब्राउजिंग ऐक्टिविटी से जुड़ी जानकारी कलेक्ट कर सकते हैं’

इनकॉग्निटो मोड के बारे में..

साधारण शब्दों में आप ये समझ लें कि इनकॉग्निटो मोड यूज करके आप ट्रैक होने से खुद को नहीं बचा सकते हैं. गूगल के मुताबिक इस मोड पर ब्राउजिंग करने पर क्रोम आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री, कूकीज और सिट डेटा सेव नहीं करता है.

लेकिन ये गूगल का ये भी कहना है कि आप इन्कॉग्निटो मोड यूज करके भी आप अपनी ऑनलाइन ऐक्टिविटी को किसी वेबसाइट से छुपा नहीं सकते हैं. यानी आपका ऑर्गनाजेशन, स्कूल या फिर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर अगर चाहें तो आपकी ऐक्टिविटी ट्रैक कर सकते हैं.

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