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जानें उत्तर कोरिया के तानाशाह ने भाई को क्यों मरवाया?

साल 1994 से 2001 तक उन्हें उत्तर कोरिया की सत्ता का वारिस माना जाता था. सार्वजनिक जलसों पर अपने पिता के साथ वही नजर आते थे. लेकिन साल 2001 में किम जोंग-नाम जापान में फर्जी पासपोर्ट के जरिये घुसने की कोशिश करते पकड़े गए. उन्होंने पकड़े जाने के बाद बताया कि वो टोक्यो के डिज्नीलैंड जाना चाहते थे. जापान को सबसे बड़े दुश्मनों में शुमार करने वाली उत्तर कोरियाई सरकार के लिए ये खता बर्दाश्त के काबिल नहीं थी. लिहाजा किम जोंग-इल ने इस घटना के बाद उन्हें अपने वारिस के तौर पर पेश करना बंद कर दिया.

उत्तर कोरिया के तानाशाह के सौतेले भाई ने क्यों गंवाई जान? उत्तर कोरिया के तानाशाह के सौतेले भाई ने क्यों गंवाई जान?
सबा नाज़
  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2017,
  • अपडेटेड 2:48 PM IST

कहते हैं सत्ता के खेल में कोई स्थायी दोस्त या रिश्तेदार नहीं होता. ये बात दुनिया के सबसे अलग-थलग देश उत्तर कोरिया की सियासत पर सबसे ज्यादा लागू होती है. सोमवार को मलेशिया में किम जोंग-नाम का सनसनीखेज कत्ल इस हकीकत की एक और बानगी है.

कौन थे किम जोंग-नाम?
किम जोंग-नाम उत्तर कोरिया के मौजूदा तानाशाह किम जोंग-उन उनके सौतेले भाई हैं. उनके पिता किम जोंग-इल किम जोंग-उन से पहले उत्तर कोरिया के सर्वेसर्वा थे. माना जाता है कि उनका जन्म 10 मई 1971 को हुआ था. किम जोंग-नाम की मां किम जोंग-इल की पसंदीदा प्रेमिकाओं में से थी.

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सत्ता के अर्श से फर्श तक..
साल 1994 से 2001 तक उन्हें उत्तर कोरिया की सत्ता का वारिस माना जाता था. सार्वजनिक जलसों पर अपने पिता के साथ वही नजर आते थे. लेकिन साल 2001 में किम जोंग-नाम जापान में फर्जी पासपोर्ट के जरिये घुसने की कोशिश करते पकड़े गए. उन्होंने पकड़े जाने के बाद बताया कि वो टोक्यो के डिज्नीलैंड जाना चाहते थे. जापान को सबसे बड़े दुश्मनों में शुमार करने वाली उत्तर कोरियाई सरकार के लिए ये खता बर्दाश्त के काबिल नहीं थी. लिहाजा किम जोंग-इल ने इस घटना के बाद उन्हें अपने वारिस के तौर पर पेश करना बंद कर दिया. साल 2011 में पिता की मौत के बाद वो उनके जनाजे में भी नहीं दिखे.

भाई के विरोध की चुकाई कीमत?
लेकिन उत्तर कोरियाई तानाशाह की नजर में किम का इकलौता गुनाह यही नहीं था. उन्होंने कई बार अपने भाई की नेतृत्व क्षमता पर सवाल उठाए. कई जानकारों के मुताबिक वो उत्तर कोरिया में राजनीतिक और आर्थिक सुधारों के हिमायती थे. उन्हें चाचा चांग सोंग-थाइक का करीबी माना जाता था जिन्हें किम जोंग-उन ने 2013 में मरवा दिया था.

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प्लेब्वॉय की छवि
हाल के सालों में उनकी छवि एक ऐसे वजनी शख्स की बनी थी जिसकी लड़कियों में खास दिलचस्पी थी और जो अपने परिवार के खिलाफ मुखर था. गौर करने लायक बात ये है कि दोनों भाई कभी असलियत में एक दूसरे से नहीं मिले. ऐसा इसलिए क्योंकि उत्तर कोरिया में शासन चलाने वाले परिवार के वारिसों को अलग-अलग पाला जाता है.

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