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जानें गोल्ड मोनेटाइजेशन से जुड़ी 5 जरूरी बातें

भारतीयों में सोने को लेकर मोह बहुत ज्यादा है. महिलाएं जहां सोने की ज्वैलरी खरीदकर जुटाने में रूचि दिखाती हैं वहीं पुरुष सोने को निवेश के नजरीए से खरीद कर भविष्य में उसे बेच कर फायदा कमाने पर जोर देते हैं.

आपके फायदे का सौदा हो सकती है गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम आपके फायदे का सौदा हो सकती है गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम
स्वाति गुप्ता
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  • 27 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 11:26 PM IST

भारतीयों में सोने को लेकर मोह बहुत ज्यादा है. महिलाएं जहां सोने की ज्वैलरी खरीदकर जुटाने में रूचि दिखाती हैं वहीं पुरुष सोने को निवेश के नजरीए से खरीद कर भविष्य में उसे बेच कर फायदा कमाने पर जोर देते हैं.

भारतीयों के सोने को घर में ‘डेड मनी’ के रूप में रखने के इसी मोह खत्म करके, फायदे में बदलने के लिए PM मोदी ने अगले महीने ‘गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम’लॉन्च करने की घोषणा की है. आइए जानते हैं इस स्कीम से जुड़ी 5 जरूरी बातें..

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1) क्या है गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम ?
भले ही गोल्ड मोनेटाइजेशन स्कीम की चर्चा चारों ओर हो लेकिन बहुत कम लोगों को ही इसकी पूरी जानकारी और फायदे पता हैं. इस स्कीम के तहत आप अपना सोना बैंक में जमा कर सकते हैं जिसके बदले बैंक आपको एक निश्चित दर पर ब्याज देगा. यह फायदे का सौदा इसलिए है क्योंकि जब आप लॉकर लेकर सोना रखते है तो आपको बैंक को पैसे चुकाने पड़ते हैं लेकिन इसमें उल्टे बैंक ही आपको पैसे देगा.

2) मिनिमम 30 ग्राम सोना जमा करना होगा
RBI द्वारा जारी दिशा निर्देशों के मुताबिक इस योजना में कम से कम 30 ग्राम 995 शुद्धता वाला सोना बैंक में रखना होगा जबकि अधिकतम की कोई सीमा नहीं है. इसमें गोल्ड-बार, सिक्के, गहने आदि शामिल होंगे. ध्यान रहें कि इसमें मेटल शामिल नहीं होगा.

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3) बैंक अपने मर्जी से तय करेंगे ब्याज दर
सभी वाणिज्य बैंकों को इस स्कीम को शुरू करने की अनुमति है. इसके साथ ही आरबीआई ने ये भी अनुमति‍ दे दी है कि सभी बैंक जमा सोने पर खुद ब्याज दरें तय कर सकते हैं.

4) जमा करने से पहले सोने की जांच
इस स्कीम में तीन तरीके की समयावधि में सोना जमा किया जा सकेगा. शार्ट टर्म (1 से 3 साल), मीडियम टर्म (5 से 7 साल) और लॉन्ग टर्म (12 से 15 साल). इसके अलावा सोने को जमा करने से पहले उसकी शुद्धता की जांच होगी. इसके बाद ही जमा करने संबंधी काम आगे बढ़ाया जा सकेगा.

5) पैसा या सोना लेने का विकल्प
मैच्‍योरिटी पीरि‍यड समाप्त होने पर आप के यह ऑप्शन होगा कि आप या तो पैसे लें या फिर अपना सोना वापस लें. अच्छी बात यह है कि आपको भुगतान उस समय सोने की कीमत के अनुसार ही किया जाएगा. जब आप सोना जमा करने जाएंगे तब ही आप से पूछ लिया जाएगा कि आप कौन सा विकल्प चुनने जा रहे हैं. ध्यान रहें कि आप इसे बाद में बदल नहीं सकते.

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