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...तो इस वजह से पति को कुक के रूप में देखना चाहती है पत्नी

आपने कितने घरों में पुरुषों को किचन में खड़े होकर लंच या डिनर तैयार करते देखा है? हालांकि ऐसा नहीं है कि खाना बनाने में पुरुष मदद नहीं करते लेकिन यह संख्या बेहद कम है.

पत्‍िनयों को पसंद आते हैं खाना बनाने वाले पति पत्‍िनयों को पसंद आते हैं खाना बनाने वाले पति
भूमिका राय
  • नई दिल्ली,
  • 17 फरवरी 2016,
  • अपडेटेड 12:42 PM IST

होटल और रेस्टोरेंट में तो आपने ज्यादातर पुरुषों को ही शेफ के रूप में देखा होगा. देश और दुनिया के कई नामचीन होटलों में पुरुष ही हेड शेफ हैं. बावजूद इसके आज भी घर में खाना बनाने का काम सिर्फ और सिर्फ महिलाओं का ही माना जाता है.

आपने कितने घरों में पुरुषों को किचन में खड़े होकर लंच या डिनर तैयार करते देखा है? हालांकि ऐसा नहीं है कि खाना बनाने में पत्नी की मदद करने वाले पुरुषों की संख्या नगण्य है लेकिन ये भी सच है कि ऐसे पुरुषों की संख्या बेहद कम है. 

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एक ओर जहां ये कड़वी सच्चाई है वहीं एक सच्चाई ये भी है कि लगभग हर पत्नी चाहती है कि उसका पति कभी-कभी ही सही पर उसके लिए कुकिंग करे. पर क्या आप जानते हैं, शादीशुदा महिलाएं ऐसा क्यों चाहती हैं?

1. दुलार और प्यार महसूस करने के लिए
कौन नहीं चाहता है कि उसका पार्टनर उसे प्यार करे. किसी दिन आपका काम करने का मन न हो और आपके पति खुद ही आपसे ये कहें कि आज वो कुकिंग करेंगे तो निश्च‍ित रूप से आप स्पेशल महसूस करेंगी. पार्टनर की ये कोशिश आपको आराम देने के साथ ही उनके प्यार का एहसास भी कराएगी. इसके साथ ही रोजमर्रा की जिंदगी में एक बदलाव भी आएगा. महिलाओं को अच्छा लगता है कि उनका पार्टनर उन्हें लेकर संवेदनशील है.

2. साथ समय बिताने के लिए
महिलाओं की इस उम्मीद के पीछे दूसरा प्रमुख कारण ये है कि उन्हें अपने पार्टनर के साथ समय बिताना अच्छा लगता है. कुकिंग में अच्छा-खासा समय लगता है. ज्यादातर घरों में तो पत्न‍ियां किचन में खाना बनाती रहती हैं और पति अपने काम में व्यस्त रहते हैं. पर जब पति खाना बना रहा हो तो पत्न‍ियां उनके साथ ही खड़ी रहती हैं और मदद करती हैं. साथ गुजारे गए ये हल्के-फुल्के पल उनके रिश्ते को और अधिक मजबूती देने का काम करते हैं.

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3. घर में संतुलन की स्थिति
कोई भी सुपर ह्यूमन नहीं हो सकता. जो घर और बाहर का पूरा काम संभाले और उसके बाद थके भी नहीं. ऐसे में बेहतर होगा कि एक घर की जिम्मेदारी सिर्फ और सिर्फ पत्नी के कंधों पर न डालकर पति-पत्नी उसे आधा-आधा बांट लें. किचन में पति द्वारा की गई थोड़ी बहुत मदद भी पत्नी को राहत देने के लिए बहुत है. इससे काम भी जल्दी निपट जाएगा और किसी एक पर पूरा बोझ भी नहीं पड़ेगा.

4. बच्चों के लिए भी होगी एक सीख
बच्चे का घर उसका पहला स्कूल होता है. जहां वो रोजमर्रा की चीजें देखकर, सुनकर सीखता है. जब बच्चा देखता है कि उसके माता-पिता दोनों ही घर के कामों को समान रूप से बांटकर कर रहे हैं तो उसके मन में घरेलू कामों को लेकर भी इज्जत आती है. वरना ज्यादातर मामलों में यही देखा गया है कि बच्चे घर के काम को कमतर समझते हैं और मानते हैं कि बाहर जाकर पैसा कमाना ही सबकुछ है. ये सोच गलत है और मां-बाप अपनी इस कोशिश से ही बच्चे को ये समझा सकते हैं.

5. जीवन में एक नया रंग आता है
हर रोज एक ही दिनचर्या किसी के लिए भी बोरिंग हो सकती है. ऐसे में अगर कभी-कभार पति खाना बनाए तो रूटीन में एक नयापन आएगा. न केवल पत्नी बल्क‍ि पति भी इसे रचनात्मक काम के रूप में लेकर इन्जॉय कर सकते हैं.

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