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दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आम आदमी पार्टी की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. एक तरफ तो पूर्व मंत्री कपिल मिश्रा के बगावती तेवर ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की नींद उड़ा दी है. तो दूसरी तरफ शुंगलू कमिटी की रिपोर्ट पर कांग्रेस ने केजरीवाल को घेरने का मन बना लिया है.
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय माकन ने इसी सिलसिले में दिल्ली के उपराज्यपाल अनिल बैजल को पत्र लिखकर शुंगलू कमिटि की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति मांगी है.
दरअसल, दिल्ली के तत्कालीन उपराज्यपाल नजीब जंग ने पूर्व नियंत्रक और महालेखा परीक्षक वी के शुंगलू की अध्यक्षता में पिछले साल अगस्त में तीन सदस्यीय समिति का गठन किया था. इस कमिटि ने 27 नवंबर 2016 को 263 पेज की रिपोर्ट केन्द्र सरकार और उपराज्यपाल को सौंपी थी, जिसमें दिल्ली सरकार के काम-काज में कई अनियमितताएं पाई गई थीं.
अजय माकन ने सवाल उठाया कि रिपोर्ट सौंपे जाने के करीब 6 माह बाद भी शुंगलू कमिटी के तथ्यों के आधार पर अब तक कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई? माकन के मुताबिक, उपराज्यपाल के पास दिल्ली के मुख्यमंत्री और मंत्रियों के खिलाफ मुकदमा चलाने देने का अधिकार है. लिहाजा कांग्रेस ने एक बार फिर दिल्ली के उपराज्यपाल से भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने के लिए अनुमति मांगी है, साथ ही ये भी कहा कि अगर बैजल मुकदमे की मंजूरी नहीं देंगे तो 'हम समझेंगे कि वे (केंद्र और बैजल) उनकी मदद कर रहे हैं. अजय माकन ने यहां तक कहा कि एलजी अगर मुकदमे की अनुमति नहीं देते तो फिर दिल्ली कांग्रेस अदालत का दरवाजा खटखटाएगी.
आपको बता दें कि भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दिल्ली कांग्रेस केजरीवाल और उनके मंत्रियों पर मुकदमा दर्ज कराना चाहती है. लेकिन, जब तक दिल्ली के उपराज्यपाल इसकी अनुमति नहीं देते तब तक मुकदमा दर्ज नहीं किया जा सकता. इसके अलावा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के लिए कांग्रेस दिल्ली में हस्ताक्षर अभियान भी चलाएगी. 9 मई से 13 मई तक चलने वाले इस अभियान में दस लाख लोगों से हस्ताक्षर कराए जाएंगे.