
देश के सबसे ज्यादा सराहे जाने वाले प्रधानमंत्रियों में से एक लाल बहादुर शास्त्री का स्मारक फंड की कमी की वजह से बंद होने के कगार पर है. अटल बिहारी वाजपेयी की पहल से शुरू किया गया यह स्मारक अब आर्थिक मदद का मोहताज है. एक आर्थिक अखबार ने यह खबर दी है.
अखबार के मुताबिक, स्मारक चलाने वाले ट्रस्ट को इस साल से फंड मिलना बंद हो जाएगा. यूपीए-2 सरकार ने इस तरह के स्मारकों के लिए धन मुहैया बंद कराने का फैसला किया था. हाल ही में एनडीए सरकार ने एक फैसला किया है कि अब से महात्मा गांधी के अलावा किसी भी नेता की जयंती या पुण्यतिथि नहीं मनाई जाएगी. सरकार इसके लिए कोई फंड भी नहीं देगी.
लाल बहादुर शास्त्री स्मारक ट्रस्ट के दो सदस्य रविशंकर प्रसाद और अनंत कुमार कैबिनेट मंत्री हैं. बीमार अटल बिहारी वाजपेयी इसके संस्थापक ट्रस्टी हैं.
लाल बहादुर शास्त्री के पुत्र अनिल शास्त्री ने अखबार को बताया कि ट्रस्ट के पास का पैसा तेजी से खत्म हो रहा है. ट्रस्ट के पास 42 लाख रुपए थे जिसमें से अब 35 लाख ही बचे हैं. संस्कृति मंत्रालय ने ट्रस्ट को स्मारक की देखभाल के लिए अब और धन न देने का फैसला किया है. हाल ही में ट्रस्ट ने खर्च के लिए 5 लाख रुपए का एफडी भी कैश करवा लिया है.
अनिल शास्त्री ने कहा कि उन्होंने पीएम मोदी को अब तक चार पत्र भी लिखे हैं. उनसे आग्रह किया गया है कि कैबिनेट के फैसले पर फिर से विचार किया जाए और संस्कृति मंत्रालय से कहा जाए कि वह स्मारक की देखभाल के लिए फंड दे. याद रहे कि पीएम ने लाल किले की प्राचीर से लाल बहादुर शास्त्री का नाम तीन बार लिया था. पीएम के यहां से उन पत्रों का कोई जवाब नहीं आया है.
लाल बहादुर शास्त्री निधन के पहले नई दिल्ली के जिस घर में रहे उसे स्मारक में तब्दील कर दिया गया था. यह बंगला सोनिया गांधी के निवास के बगल में है.