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बाढ़ से बेहाल बिहार, बीच गंगा में महिला ने दिया जुड़वा बच्चों को जन्म

बिहार में बाढ़ की विभीषिका से आमजन परेशान हैं, लेकिन इन सबके बीच एनडीआरएफ की टीम बाढ़ पीड़ितों के अलावा गर्भवती महिलाओं को राहत पहुंचाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है.

एनडीआरएफ ने की मदद एनडीआरएफ ने की मदद
लव रघुवंशी/सुजीत झा
  • पटना,
  • 28 अगस्त 2016,
  • अपडेटेड 10:16 AM IST

इसे भगवान की कृपा ही कहेंगे कि बाढ़ की विभीषिका झेल रहे बिहार में गर्भवती महिलाओं की जान बच जा रही है. एक हप्ते में तीसरी बार एनडीआरएफ के सहयोग से गर्भवती महिला का प्रसव कराया जा सका है. महिला ने बीच गंगा में ही जुड़वां बच्चे को जन्म दिया.

बिहार में बाढ़ की विभीषिका से आमजन परेशान हैं, लेकिन इन सबके बीच एनडीआरएफ की टीम बाढ़ पीड़ितों के अलावा गर्भवती महिलाओं को राहत पहुंचाने में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही है.

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तुरंत मदद के लिए पहुंची NDRF
ये तीसरी घटना है बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव के विधानसभा क्षेत्र राघोपुर की. राघोपुर के चंद्रपुरा गांव से एनडीआरएफ के कमांडेंट को ये खबर मिली कि एक महिला प्रसव पीड़ा से कराह रही है, अगर उसकी सही समय पर इलाज नहीं कराया गया तो उसकी जान पर खतरा पैदा हो सकता है. फिर क्या था एनडीआरएफ के इंपेक्टर ऋषिकेश चार अन्य सदस्यों के साथ चंद्रपुरा गांव के लिए वोट से रवाना हो गए.

रास्ते में बढ़ा दर्द
गंगा की लहरों में 50 किलोमीटर की दूरी तय कर एनडीआरएफ की टीम चंद्रपुरा गांव पहुंची और प्रसव पीड़ा से कराह रही मेघन राय की पत्नी रेखा देवी और परिवार के अन्य सदस्यों के लेकर पटना के लिए रवाना हो गई. लेकिन रास्ते में ही रेखा देवी की पीड़ा असहनीय हो गई.

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जज्जा-बच्चा दोनों स्वस्थ
आनन-फानन में महिला रेखा देवी को पास के मोहनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की ओर ले जाया जाने लगा, लेकिन बीच गंगा में रेखा देवी ने जुड़वा बच्चे को जन्म दे दिया. बच्चे को जन्म देने के बाद इलाज हेतु उसे मोहनपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में भर्ती किया गया. पीएचसी में जच्चा और बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

एनडीआरएफ को दी जाती है डिलिवरी की ट्रेनिंग
एनडीआरएफ के इंसपेक्टर ऋषिकेश ने कहा कि एनडीआरएफ के सदस्यों को डिलिवरी कराने की भी ट्रेनिंग दी जाती है. यही कारण है कि प्रसव पीड़ा से कराहती महिलाओं की डिलिवरी समय रहते सही तरीके से करा लिया जाता है. उन्होंने कहा कि अगर एनडीआरएफ के सदस्य ठीक समय पर गर्भवती महिला के पास नहीं पहुंचते तो उनकी जान पर खतरा हो सकता था.

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