
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर संसद में महिलाओं के आरक्षण की वकालत की है. उन्होंने कहा कि महिलाओं को अगर आरक्षण मिलता है तो अच्छी बात है और इसका मुद्दा लोकसभा में लाना चाहिए, राज्यसभा में संशोधित हो गया है.
बता दें कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी हमेशा से 33 प्रतिशत महिला आरक्षण के समर्थन में हैं लेकिन उन्हीं की पार्टी के सांसद और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव महिला आरक्षण का विरोध करते रहे हैं. अब शरद यादव भी पार्टी के बागी नेता बन चुके हैं और जेडीयू से उन्हें निकालने की पूरी तैयारी भी हो चूकी है. ऐसे में नीतीश कुमार और उनकी पार्टी पूरी तरह से अब महिला आरक्षण के पक्ष में खड़ी है.
नीतीश कुमार हमेशा से महिला आरक्षण के पक्ष में रहे हैं इसका प्रमाण है कि बिहार में स्थानीय नियकों को चुनावों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत का आरक्षण पहले से ही लागू है. साथ ही विभिन्न सरकारी विभागों में भी उनकी नौकरी के लिए 33 प्रतिशत का आरक्षण है. पुलिस में तो आरक्षण बढ़कर 36 प्रतिशत तक चला गया है. इसलिए उनका मानना है कि राज्यसभा से पास महिला आरक्षण बिल को लोकसभा में भी पेश करना चाहिए ताकि संसद और विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो सकें.
नीतीश कुमार ने हाल ही में सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग के माध्यम से कॉन्ट्रैक्ट एंप्लाइज में भी आरक्षण लागू कर दिया है. कैबिनेट के फैसले के मुताबिक अब आउटसोर्सिंग कार्मचारियों में भी आरक्षण के नियम लागू होंगे. नीतीश कुमार का कहना है कि जिन सरकारी सेवाओं में सरकारी पैसे से वेतन दिया जाता है उन पर आरक्षण का नियम लागू होना चाहिए और इसी आधार पर इसे लागू किया गया है. सरकार में शामिल बीजेपी ने भी नीतीश कुमार के इस निर्णय का समर्थन किया है.