
नाइट शिफ्ट करने या बार-बार शिफ्ट बदलने की वजह से महिलाओं में दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है. हाल में हुए एक शोध के मुताबिक, जो महिलाएं दस साल से अधिक समय से नाइट शिफ्ट में काम कर रही हैं उनमें कोरोनरी हार्ट डिसीज होने का खतरा 15 से 18 प्रतिशत बढ़ जाता है.
कोरोनरी हार्ट डिसीज होने की कई वजहें हो सकती हैं. धूम्रपान, शराब की लत, खानापान और अस्त-व्यस्त जीवनशैली के चलते भी ये समस्या हो सकती है. अमेरिका के ब्रिंघम एंड विमेन्स हॉस्पिटल से इस अध्ययन की मुख्य लेखिका सेलीन वेटर के अनुसार, शोध के दौरान हमने देखा कि इन जोखिम कारकों पर नियंत्रण के बावजूद नाइट शिफ्ट में बदलाव से महिलाओं में कोरोनरी हार्ट डिसीज का जोखिम बना रहता है.
शोधार्थियों ने नाइट शिफ्ट और सीएचडी के संबंधों को जानने के लिए नर्सेस हेल्थ वन और नर्सेस हेल्थ टू के आंकड़ों का अध्ययन किया था. जिसमें 24 साल की अवधि में 2,40,000 महिला नर्सो का अध्ययन किया गया था.