
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा उठाए गए सुधार के कदम काफी महत्वपूर्ण हैं. मध्यम और दीर्घ अवधि के वृद्धि के आंकड़ों में इसके फायदे देखने को मिलेंगे. विश्व बैंक के प्रमुख जिम योंग किम ने गुरुवार को यह बात कही.
किम ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की सालाना बैठक की शुरुआत के मौके पर संवाददाताओं से बात करते हुए कहा, ‘‘सुधार प्रक्रिया प्रासंगिक है."
उन्होंने कहा, ''हमारा मानना है कि मध्यम एवं दीर्घ अवधि की आर्थिक वृद्धि में प्रधानमंत्री मोदी सरकार के सुधार के प्रयासों की गंभीरता निश्चित तौर पर देखने को मिलेंगी.’’ किम भारतीय अर्थव्यवस्था की हालिया नरमी से संबंधित सवाल का जवाब दे रहे थे.
हालांकि विश्व बैंक और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष दोनों ने भारत की आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम कर दिया है. पिछले हफ्ते, विश्व बैंक के प्रमुख ने कहा था कि भारत के आर्थिक विकास में हुई हालिया मंदी अल्प अवधि की है. भारत की विकास दर पर किए गए एक सवाल के जवाब में किम ने कहा, "हमारी टीम का मानना है कि माल और सेवा कर (जीएसटी) के पारित होने के इंतजार के कारण से मंदी आई.
उन्होंने कहा, "प्रधान मंत्री मोदी ने हमारे व्यापार रिर्पोट के लिए एक बहुत अलग दृष्टिकोण लिया. उनका दृष्टिकोण था कि हम जल्द से जल्द आगे बढ़े. और हम वो काम करें जो कारोबारी माहौल में सुधार करने के लिए हो.''