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व्यापार सुगमता के मामले में भारत की तस्वीर निखर कर सामने आई है. इससे जहां मोदी सरकार को नोटबंदी की सालगिरह के मौके पर उत्सव मनाने का मौका मिल गया है. वहीं, दूसरी तरफ, यह इकोनॉमी के लिए भी बेहतर परिणाम ला सकता है. विशेषज्ञों की मानें तो यह भारत को कई फायदे दिला सकता है. इसमें रोजगार और विदेशी निवेश बढ़ने समेत कई चीजें शामिल हैं.
विश्व बैंक ने कहा इकोनॉमी के लिए साबित होगा फायदेमंद
विश्व बैंक के अध्यक्ष एनेट डिक्सन ने कहा है कि जब भी किसी देश की व्यापार सुगमता के मामले में रैंकिंग सुधरती है, तो इसका सीधा फायदा वहां की अर्थव्यवस्था को मिलता है. द हिंदू को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि इससे न सिर्फ SMEs को फायदा मिलता है, बल्कि रोजगार भी बढ़ता है.
SMEs होंगी मजबूत
डिक्सन ने कहा कि व्यापार सुगमता रैंकिंग सुधरने का फायदा SMEs को सबसे ज्यादा होगा. उनके मुताबिक भारत में कुछ ऐसी SMEs भी हैं, जिनमें महज 6 लोग काम करते हैं. व्यापार सुगमता में बेहतर रैंकिंग का मतलब है इनके लिए बिजनेस करना आसान होना.
छोटे कारोबारियों को मिलेगा फायदा
डिस्कन के मुताबिक छोटे कारोबारियों को रैंकिंग सुधरने का सीधा फायदा मिलता है. दरअसल रैंकिंग सुधरना इस तरफ इशारा करता है कि देश में कारोबार के लिए माहौल सरल हो रहा है. इस माहौल से छोटे कारोबारियों को अपना कारोबार करने में आसानी होती है. इससे उनका व्यापार भी बढ़ता है. जिसका फायदा इकोनॉमी को मिलता है.
बढ़ेगे रोजगार
भारत में छोटे कारोबारियों की काफी ज्यादा संख्या है. ऐसे में लघु और मध्यम वर्गीय उद्योगों को बढ़ावा मिलने से देश में रोजगार भी बढ़ेगे. डिक्सन भी कहते हैं कि एसएमई के मजबूत होने का फायदा देश में रोजगार के मौके बढ़ने के तौर पर मिलेगा.
बढ़ेगा विदेशी निवेश
यूएस इंडिया बिजनेस काउंसिल की प्रमुख निशा देसाई बिस्वाल ने कहा कि भारत सही दिशा में जा रहा है. उनके मुताबिक बिजेनस रैंकिंग सुधरने से भारत को काफी फायदा होगा. पीटीआई से उन्होंने कहा कि इससे भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश बढ़ेगा.
कम होगा प्रतिरोध
उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष विदेशी निवेश- एफडीआई पानी की तरह होता है. उनके मुताबिक जहां निवेशकों को निवेश करने में आसानी नजर आती है, वे उस तरफ बहते चले जाते हैं. निवेशकों को कम प्रतिरोध पसंद होता है.
निवेशकों को चाहिए होते हैं नए मौके
बिस्वाल ने कहा कि इकोनॉमी के विकास के लिए नए मौकों को तैयार करने की जरूरत होती है. इसके लिए विदेशी निवेश जरूरी होता है. विदेशी निवेश बढ़ने के चलते अर्थव्यवस्था का विकास भी होता है. अर्थव्यवस्था का विकास होने का मतलब है कि नए निवेशक इससे जुड़ेंगे.