
वाइल्ड कार्ड से प्रवेश पाने वाले गौरव बिधूड़ी ने ट्यूनिशिया के बिलेल महमदी को हराकर विश्व मुक्केबाजी चैंपियनशिप के सेमीफाइनल में प्रवेश करने के साथ ही पदक भी पक्का किया. वह विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने वाले भारत के चौथे मुक्केबाज बनेंगे. वहीं, क्वार्टरफाइनल में मिली हार के बाद कवींद्र का विश्व चैंपियनशिप में पदक जीतने का सपना इस बार टूट गया. कवींद्र को दक्षिण कोरियाई मुक्केबाज से शिकस्त मिली.
गौरव ने बैंटमवेट 56 किग्रा के क्वार्टर फाइनल में जजों के फैसले के आधार पर सेमीफाइनल में जगह बनाई. वह अपनी पहली विश्व चैंपियनशिप के ही अंतिम चार में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय मुक्केबाज हैं. इससे पहले विकास कृष्ण ने 2011 में यह कारनामा ने किया था. विकास के अलावा विजेंदर सिंह 2009 और शिव थापा 2015 इस चैंपियनशिप में देश के अन्य पदक विजेता हैं. इन सभी ने हालांकि कांस्य पदक जीते थे.
भारत को हालांकि इस बीच निराशा भी हाथ लगी तथा अमित फंगल 49 किग्रा क्वार्टर फाइनल में हारकर बाहर हो गए. एशियाई चैंपियनशिप के कांस्य पदक विजेता को उज्बेकिस्तान के ओलंपिक चैंपियन और दूसरी वरीयता प्राप्त हसनबॉय दुसमातोव ने हराया जिससे इस 21 वर्षीय मुक्केबाज के अब तक के शानदार अभियान का अंत हुआ.
गौरव इसके बाद रिंग पर उतरने वाले अगले मुक्केबाज थे और उन्होंने शुरू से ही आक्रामक रवैया अपनाया. उन्होंने अपने प्रतिद्वंद्वी को कई बार पीछे हटने के लिए मजबूर किया. उनके प्रतिद्वंद्वी के माथे पर शुरू में हल्की चोट भी लग गयी थी. महमदी को अपना सिर झुकाए रखने के लिये दूसरे राउंड में चेतावनी भी मिली. चेहरा खून से सना होने के बावजूद ट्यूनीशियाई मुक्केबाज ने तीसरे राउंड में कुछ अच्छे पंच लगाए. लेकिन गौरव ने भी करारा जवाब देकर अपने नाम जीत लिखी.