
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने शुक्रवार को वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के इंडिया इकोनॉमिक समिट में हिस्सा लिया. इस दौरान शेख हसीना ने बांग्लादेश के विकास और आर्थिक सुधार के लिए उठा जा रहे कदमों की चर्चा की. उन्होंने यह भी बताया कि बांग्लादेश 8.6 फीसदी की दर से विकास कर रहा है.
हसीना ने कहा कि बांग्लादेश के राष्ट्रपिता शेख मुजीबुर्रहमान का सपना शोषण मुक्त समाज बनाना था. उनका विजन बांग्लादेश को विकासशील देश बनाने की दिशा में आगे बढ़ने में हमारे विश्वास को मजबूत करता है.
शेख हसीना ने कहा कि मेरे पिता शेख मुजीबुर्रहमान लोकतंत्र में विश्वास करते थे. साथ ही पड़ोसी देशों के साथ जुड़ने और दूसरे देशों के साथ आगे बढ़ने की वकालत करते थे. उनका मानना था कि अगर बांग्लादेश को विकास करना है, तो उसको अपने पड़ोसी मुल्कों के साथ जुड़ना पड़ेगा. उनके लिए जनता सबसे पहले थी. वो सभी के साथ दोस्ताना रिश्ते रखना चाहते थे और आर्थिक विकास करना चाहते थे.
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना ने कहा , 'मैं अपने पिता के विजन से बेहद प्रभावित थी. हमारे देश में सैन्य तानाशाही शासन था, जिसके खिलाफ हमने लड़ा. हालांकि मुझको यह नहीं पता था कि मुझको देश और पार्टी की जिम्मेदारी मिल जाएगी.'
बांग्लादेश की पीएम ने कहा कि हम समाज में शांति, सुरक्षा और सौहार्द चाहते हैं. लोगों को गरीबी से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने कहा कि हमने पड़ोसी देश म्यांमार के लाखों शरणार्थियों को शरण दी है. हम अपने पड़ोसी देशों के साथ समृद्धि और जिम्मेदारी साझा करते हैं.
इस दौरान शेख हसीना ने अपने परिवार को भी याद किया. उन्होंने बताया, 'मेरे मां, बाप, भाई, बहन और रिश्तेदारों की हत्या कर दी गई थी. मेरे परिवार के 18 सदस्यों का मर्डर किया गया था. उस समय मैं और मेरी छोटी बहन विदेश में थे. जब हमने सबको खो दिया, तो वह वक्त हमारे लिए बेहद कठिन था. मैं अपने देश वापस नहीं लौटना चाहती थी, क्योंकि वहां सैन्य तानाशाही सत्ता थी.'
उन्होंने ने बताया, 'मेरे परिवार के सदस्यों की हत्या के 6 साल बाद मेरी पार्टी ने मेरी गैर मौजूदगी में मुझको पार्टी का अध्यक्ष बना दिया.' शेख हसीना ने यह भी बताया कि मेरे परिवार के सदस्यों की हत्या करने वाले हत्यारों को कभी सजा नहीं दी गई. इनमें से कुछ हत्यारे दूसरे देशों में नौकरी भी कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, 'मेरे पिता देश को बनाना चाहते थे, जिससे मैं काफी प्रभावित थी. मेरी ताकत जनता है. जब मैं सत्ता में आई, तो मैंने लोगों के कल्याण और विकास के लिए काम शुरू किया. आम लोगों की जिंदगी को बेहतर बनाने और रोजमर्जा की जरूरतों को पूरा करने के लिए कदम उठाया है. हमारे पड़ोसी देशों के साथ अच्छे रिश्ते हैं. हम अपने अनुभव भी आपस में साझा करते हैं. हमने पड़ोसी देशों के साथ कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाया है. इस दिशा में हम काफी हद तक सफल भी हुए हैं.'