
आज विश्व पर्यावरण दिवस है. पर्यावरण दिवस पर आप कई रिपोर्ट्स पढ़ते होंगे और कई लोगों को पर्यावरण संरक्षण पर बातें करने भी सुना होगा, लेकिन जमीनी स्तर पर बहुत कम लोग ही पर्यावरण के लिए काम करते हैं. उन कम लोगों में एक नाम राजस्थान के रहने वाले विष्णु लांबा का भी है, जो पर्यावरण को भगवान मानकर काम कर रहे हैं. उन्होंने पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना घर-परिवार छोड़ दिया और लगातार पर्यावरण के क्षेत्र में काम कर रहे हैं.
विष्णु लांबा बिना सरकारी सहयोग के अब तक करीब साढ़े आठ लाख पौधे लगा चुके हैं और उन्होंने अपनी जान पर खेलकर करीब 13 लाख पेड़ों को बचाया है और 11 लाख पौधे निःशुल्क वितरित भी किए हैं. साथ ही विष्णु लांबा अपनी मुहिम में लोगों को जोड़ रहे हैं. विष्णु लांबा का कहना है कि अगर कोई अपने जीवन में 5 पेड़ नहीं लगाता है, तो उसे चिता पर जलने का कोई अधिकार नहीं है.
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पौधे लगाने के साथ ही विष्णु लांबा पिछले 11 सालों से गर्मियों में बेजुबान पक्षियों के लिए 'परिंदों के लिए परिंडा' अभियान चलाकर लाखों परिंडे लगा चुके हैं. वे एक कल्पतरु नाम की संस्था चलाते हैं, जो पिछले 15 साल से एक पौधा नियमित रूप से कहीं न कहीं लगाते आ रहा हैं. संस्थान के प्रयासों से ऋग्वेद काल के बाद पहली बार ग्रीन वेडिंग (पर्यावरणीय विवाह) कराया, जिसमें दहेज नहीं लेकर कन्यादान में सिर्फ कल्प वृक्ष के दो पौधे लिए गए.
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लाखों पेड़ों को बचाने वाले लांबा पक्षियों और खनन के खिलाफ भी कार्य करते रहते हैं. राजस्थान में कई खनन माफियाओं के खिलाफ भी उन्होंने आवाज भी उठाई है, जिससे उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ा. लांबा को वृक्ष मित्र के नाम से जाना जाता है. उन्होंने देश को आजादी दिलाने वाले क्रांतिकारियों के परिवारजन और चंबल के दस्युओं से लेकर फिल्म और राजनीति की कई बड़ी हस्तियों से लांबा ने पौधे लगवाए हैं.