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BJP विधायक के बिगड़े बोल, कहा- मैं गृहमंत्री होता तो बुद्धिजीवियों को गोली मरवा देता

बीजेपी विधायक बसानगौड़ा पाटिल यतनाल ने कहा है कि अगर मैं देश का गृह मंत्री होता तो आर्मी के खिलाफ नारे लगाने वाले बुद्धिजीवियों को गोली मारने का आदेश दे देता.

बीजेपी विधायक बसानगौड़ा पाटिल यतनाल (तस्वीर - फेसबुक पेज) बीजेपी विधायक बसानगौड़ा पाटिल यतनाल (तस्वीर - फेसबुक पेज)
अजीत तिवारी
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2018,
  • अपडेटेड 2:23 PM IST

पूर्व केंद्रीय मंत्री और कर्नाटक में बीजेपी विधायक बसानगौड़ा पाटिल यतनाल ने 'बुद्धिजीवियों' को गोली मारने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अगर वो देश के गृह मंत्री होते तो देश विरोधी नारे लगाने वाले 'बुद्धिजीवियों' को गोली मारने का आदेश दे देते.

बीजेपी नेता बसानगौड़ा कर्नाटक के विजयपुर से विधायक हैं. वो दो बार बीजेपी से विधायक रह चुके हैं, यही नहीं वो विजयपुर से एक बार सांसद और अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके हैं.

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गुरुवार को कारगिल विजय दिवस पर आयोजित एक कार्यक्रम में बोलते हुए उन्होंने उदारवादी और बुद्धिजीवी लोगों को उनकी बातों और बयानों के कारण देशद्रोही करार दिया. उन्होंने कहा कि देश के लोगों द्वारा दिए जाने वाले टैक्स के पैसे से ये बुद्धिजीवी सभी प्रकार की सुविधाओं का इस्तेमाल करते हैं और फिर सेना के खिलाफ नारेबाजी करते हैं.

आगे अपनी बात को जारी रखते हुए उन्होंने कहा, 'देश को इन बुद्धिजीवी लोगों से सबसे ज्यादा खतरा हैं. अगर मैं गृह मंत्री होता तो इन बुद्धिजीवियों को गोली मारने के आदेश दे देता.' यह पहली बार नहीं है जब बसानगौड़ा ने विवादित बयान दिया हो, बल्कि इससे पहले भी उनका एक वीडियो वायरल हुआ था जिसमें उन्होंने पार्षदों से मुस्लिमों की मदद न करने की अपील की थी.

इस वायरल वीडियो में उन्होंने कथा कि मैं सभी पार्षदों से मिला था. मैंने उनसे कहा है कि वे केवल हिंदुओं के लिए काम करें, जिन्होंने बीजापुर में मेरे पक्ष में वोट डाला, न कि मुसलमानों के लिए. उन्होंने कहा, 'मैंने अपने लोगों को निर्देश दिया कि टोपी और बुरका वाला कोई भी व्यक्ति मेरे कार्यालय नहीं आए और मेरे बगल में खड़ा नहीं हो.' मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक उन्होंने यह बात चार जून को कही थी.

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पीटीआई एजेंसी के मुताबिक यतनाल ने कहा, 'मैंने मुस्लिमों से कभी वोट नहीं मांगा है, क्योंकि मुझे हिन्दुओं पर भरोसा था. हिन्दूओं के वोट के कारण ही मुझे चुनाव में जीत मिली. मेरा सारा काम हिन्दू समुदाय के विकास के लिए होगा, न कि मुसलमानों के लिए.'

गौर हो कि यतनाल ने 2010 में बीजेपी का साथ छोड़ दिया था और जनता दल सेक्युलर से जुड़ गए थे. हालांकि, एक साल बाद उन्होंने जेडीएस से भी नाता तोड़ लिया और निर्दलीय रूप से विधायक बने. इसके बाद 2013 में यतनाल ने दोबारा बीजेपी में वापसी कर ली.

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