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नेहरू की भांजी नयनतारा ने लौटाया साहित्‍य अकादमी अवार्ड

लेखिका नयनतारा सहगल ने केंद्र सरकार पर देश की सांस्कृतिक विविधता कायम न रख पाने का आरोप लगाते हुए उन्हें मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है.

Nayantara Sahgal Nayantara Sahgal
aajtak.in
  • नई दिल्‍ली,
  • 06 अक्टूबर 2015,
  • अपडेटेड 10:50 PM IST

लेखिका नयनतारा सहगल ने केंद्र सरकार पर देश की सांस्कृतिक विविधता कायम न रख पाने का आरोप लगाते हुए उन्हें मिला साहित्य अकादमी पुरस्कार लौटा दिया है.

88 साल की नयनतारा पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की भांजी हैं. उन्हें ये पुरस्कार 1986 में आए उनके उपन्यास 'रिच लाइक अस' के लिए दिया गया था. नयनतारा ने कहा कि मैंने इस बारे में बयान जारी कर दिया है और मैं दिल्ली आते ही इस पुरस्कार को लौटा दूंगी.

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नयनतारा सहगल ने 'अनमेकिंग ऑफ इंडिया' शीर्षक से एक बयान जारी किया है. नयनतारा ने कहा कि वो सभी भारतीय जो मारे गए, उनकी याद में, वो सभी भारतीय जिन्होंने असहमति के अधिकार के लिए संघर्ष किया और आज भय और अनिश्चितता के माहौल में जी रहे हैं, उनके समर्थन में मैं अपना साहित्य अकादमी अवॉर्ड लौटा रही हूं.

उन्होंने कहा, मोदी के राज में हम पीछे की तरफ जा रहे हैं, हिंदुत्व के दायरे में सिमट रहे हैं. भारतीय खौफ में जी रहे हैं. अपने बयान में उन्होंने साहित्य अकादमी पर भी चुप्पी साधे रखने का आरोप लगाया.

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