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70 डॉलर के पार पहुंचा WTI क्रूड, 2014 के बाद सबसे ऊंचे दाम

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर फिलहाल लगाम लगने के आसार नहीं दिख रहे हैं.  ब्रेंट क्रूड जहां पहले ही 75 डॉलर के पार बना हुआ है.

कच्चा तेल कच्चा तेल
विकास जोशी
  • नई दिल्ली,
  • 07 मई 2018,
  • अपडेटेड 5:13 PM IST

अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों पर फिलहाल लगाम लगने के आसार नहीं दिख रहे हैं. ब्रेंट क्रूड जहां पहले ही 75 डॉलर के पार बना हुआ है. वहीं, अब डब्लूटीआई क्रूड की कीमत भी 70 डॉलर प्रति बैरल के पार पहुंच गई है. 2014 के बाद यह पहली बार है, जब डब्लूटीआई क्रूड ऑयल की कीमतें इस स्तर पर पहुंची हैं.

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रॉयटर्स के मुताबिक डब्लूटीआई की कीमतों में आई इस बढ़ोतरी के लिए वेनेजुएला का आर्थ‍िक संकट जिम्मेदार है. यहां दिन-प्रतिदिन आर्थ‍िक संकट गहराता जा रहा है. इसके साथ ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के ईरान पर फिर प्रतिबंध लगाने की आशंका को भी दामों में बढ़ोतरी के लिए जिम्मेदार माना जा रहा है.

यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) क्रूड ऑयल के दामों में सोमवार को 80 सेंट की बढ़ोतरी देखने को मिली. इस बढ़त के साथ यह 70.52 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई. नवंबर, 2014 के बाद यह पहली बार है, जब डब्लूटीआई क्रूड ऑयल 70 डॉलर के पार पहुंचा है.

विशेषज्ञों का कहना है कि वेनेजुएला दुनिया का एक बड़ा ऑयल एक्सपोर्टर है. ऐसे में वहां जारी आर्थ‍िक संकट गहराने से हालात और बिगड़ सकते हैं. इससे क्रूड की कीमतों में लगातार बढ़ोतरी का दौर बना रह सकता है.

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विशेषज्ञों के मुताबिक अमेर‍िका में जो कच्चे तेल का उत्पादन बढ़ रहा है, वह वेनेजुएला के आर्थ‍िक संकट की वजह से फिर से निचले स्तर पर पहुंच जा रहा है.

महंगाई बढ़ने का डर

जिस तेजी से कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी हो रही है, उससे देश में पेट्रोल और डीजल कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. फिलहाल तेल कंपनियों ने 24 तारीख के बाद से लेकर अब तक पेट्रोल और डीजल की कीमतों में बदलाव नहीं किया है. हालांकि कच्चे तेल के लगातार बढ़ते दामों की वजह से महंगाई बढ़ने का खतरा बना रहेगा.

क्या है डब्लूटीआई क्रूड:

यूएस वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI) को टेक्सास लाइट स्वीट भी कहा जाता है. यह कच्चे तेल का एक ही एक रूप है, जिसका ऑयल प्राइस‍िंग के दौरान मानक के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है. यह प्रीमियम क्रूड ऑयल में आता है. क्योंकि इसकी तरलता का घनत्व काफी कम होता है. जबकि ब्रेंट क्रूड थोड़ा ज्यादा घनत्व वाला होता है.

कम घनत्व (लॉ-डेंसिटी) वाले कच्चे तेल को पेट्रोल और डीजल में परिवर्तित करना काफी आसान होता है. हालांकि यह महंगा होता है. इसके उलट ब्रेंट क्रूड को पेट्रोल-डीजल में परिवर्तित करने के लिए काफी ज्यादा तामझाम की जरूरत पड़ती है. हालांकि यह लाइट स्वीट क्रूड ऑयल के मुकाबले सस्ता पड़ता है. 

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