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PLA की वर्षगांठ पर जिनपिंग बोले- हमारी सेना हर हमले को विफल कर सकती है

चीनी राष्ट्रपति बोले कि चीनी जनता शांतिप्रेमी है, हम कभी आक्रामकता दिखाने या अपने क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश नहीं करते लेकिन हमें यह यकीन है कि हम हर किस्म के हमले को विफल कर सकते हैं.

जिनपिंग की गीदड़भभकी जिनपिंग की गीदड़भभकी
BHASHA
  • बीजिंग,
  • 01 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 12:22 PM IST

चीन और भारत के बीच चल रहे विवाद के बीच चीन के राष्ट्रपति ने एक बड़ा बयान दिया है. शी चिनपिंग ने मंगलवार को कहा कि चीन अपनी संप्रभुता और सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करेगा और उसकी सेना हर हमले को विफल करने के लिए आश्वस्त हैं. जिनपिंग ने 23 लाख जवानों वाली पीपल्स लिबरेशन आर्मी की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर आयोजित विशेष आयोजन में अपने संबोधन में कहा कि हम किसी भी व्यक्ति, संगठन या राजनीतिक दल को चीन के किसी भी हिस्से को देश से कभी भी, किसी भी रूप में अलग करने की इजाजत नहीं देंगे.

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चीनी राष्ट्रपति बोले कि चीनी जनता शांतिप्रेमी है, हम कभी आक्रामकता दिखाने या अपने क्षेत्र का विस्तार करने की कोशिश नहीं करते लेकिन हमें यह यकीन है कि हम हर किस्म के हमले को विफल कर सकते हैं. ग्रेट हॉल ऑफ द पीपल में आयोजित समारोह में उन्होंने कहा कि किसी को भी हमसे यह उम्मीद नहीं करनी चाहिए कि हम अपनी संप्रभुता, सुरक्षा और विकास संबंधी हितों के लिए नुकसानदायक कड़वे फल को निगल जाएंगे.

इस कार्यक्रम में चीनी प्रधानमंत्री ली फिंग , कम्युनिस्ट पार्टी के अन्य शीर्ष नेता और सैन्य अधिकारी मौजूद थे. तीन दिन में यह दूसरी बार है, जब शी ने हमलों को विफल करने की पीएलए की क्षमताओं की बात की है.

इससे पहले 30 जुलाई को एक बड़ी परेड के दौरान शी ने कहा था कि मेरा मानना है कि हमारी बहादुर सेना में सभी हमलावर दुश्मनों को हराने का यकीन एवं योग्यता है. शी के पूर्व के ही संबोधन की तरह उनके इस संबोधन में भी भारत और चीन के बीच सिक्किम सेक्शन के डोकलाम में चल रहे सैन्य गतिरोध का कोई जिक्र नहीं था.

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उनकी यह टिप्पणी एक ऐसे समय पर आई है, जब यहां विदेश और रक्षा मंत्रालय आधिकारिक तौर पर बड़े मीडिया अभियान चलाकर आरोप लगा रहे हैं कि भारतीय सैनिकों ने डोकलाम में चीनी क्षेत्र में घुसपैठ की है. राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल ने पिछले माह ब्रिक्स देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों की बैठक के दौरान अपने चीनी समकक्ष यांग जीची के साथ अलग से वार्ता की थी, दोनों ही देशों ने इन वार्ताओं के नतीजे पर चुप्पी साधी हुई है.

 

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