
सुप्रीम कोर्ट और महाराष्ट्र के गवर्नर ने भले ही मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन की याचिका खारिज कर दी हो, पर फांसी से बचने का याकूब के पास एक आखिरी मौका अभी बाकी है.
दरअसल, 1993 में मुंबई में हुए बम धमाकों के दोषी याकूब मेमन ने फांसी की सजा से एक दिन पहले फिर से राष्ट्रपति को दया याचिका भेजी है. याकूब ने बताया है कि वह सीजोफ्रेनिया का मरीज है, इसलिए उसकी दया याचिका स्वीकार की जाए. 2014 में याकूब के भाई ने भी दया याचिका दी थी, जिसे राष्ट्रपति ने खारिज कर दिया था.
गृह मंत्रालय अपने पुराने रुख पर कायम
याकूब मेमन की दया याचिका पर फिलहाल केंद्रीय गृह मंत्रालय गौर कर रहा है. जानकारी के मुताबिक, गृह मंत्रालय ने अपने पुराने रुख पर कायम रहते हुए फांसी की सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है. अब गृह मंत्रालय अपनी सिफारिश के साथ इसे राष्ट्रपति को भेजेगा. बताया जा रहा है कि राष्ट्रपति रात 8 बजे से इस पर फैसला सुना सकते हैं.
गवर्नर ने खारिज की याकूब की दया याचिका
महाराष्ट्र के गवर्नर ने मुंबई सीरियल ब्लास्ट के गुनहगार याकूब मेमन की दया याचिका खारिज कर दी है. इस तरह याकूब के पास फांसी से बचने का मौका करीब-करीब खत्म हो गया है. याकूब ने राष्ट्रपति के पास भी दया याचिका भेजी थी, जिस पर फैसला आना बाकी है. राष्ट्रपति के निर्णय के बाद याकूब की फांसी पर मुहर लग जाएगी.
सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की याचिका
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने 30 जुलाई को फांसी टालने की याकूब की अर्जी को खारिज कर दिया है. अगर राष्ट्रपति भी याकूब की दया याचिका खारिज कर देते हैं, तो उसे 30 जुलाई को सुबह 7 बजे फांसी दे दी जाएगी.
नियमों का पालन नहीं करने का तर्क
दया याचिका में फांसी के लिए डेथ वारंट जारी करने में नियमों का पालन नहीं करने की बात कही गई है. दरअसल, महाराष्ट्र सरकार ने याकूब का डेथ वारंट
जब जारी किया था, तब क्यूरेटिव पिटीशन पेंडिंग थी. इसी को फांसी टालने के
लिए तर्क के रूप में इस्तेमाल करने की कोशिश हो रही है. याकूब फांसी के
लिए गुरुवार यानी 30 जुलाई का दिन तय किया गया है.
याकूब पर आरोप
1993 के सीरियल बम धमाके में 257 लोगों की मौत हुई थी. इस मामले में टाडा कोर्ट ने 2007 में ही याकूब मेमन को फांसी की सजा सुनाई थी. राष्ट्रपति पहले ही उसकी दया याचिका को खारिज कर चुके हैं. मुंबई धमाकों
के मुख्य आरोपी टाइगर मेमन का भाई याकूब 1993 के मुंबई सीरियल ब्लास्ट का
दोषी है. उस पर साजिश में शामिल होने और मदद का आरोप है.
क्यूरेटिव पिटीशन भी हो चुकी है खारिज
29 अप्रैल 2015 को टाडा कोर्ट से डेथ वारंट जारी हुआ और 30 जुलाई को फांसी की तारीख तय की गई. याकूब की ओर से क्यूरेटिव पिटीशन दिया गया, जिसे 21 जुलाई 2015 को अदालत
ने खारिज कर दिया. फिर 23 जुलाई 2015 को SC में डेथ वारंट को चुनौती दी
गई. तर्क दिया गया कि क्यूरेटिव पिटीशन पर फैसले से पहले वारंट जारी करना
गैरकानूनी है.
बचाव के लिए भी उठ रही हैं आवाजें
देश की
करीब 300 बड़ी हस्तियों ने याकूब मेमन की फांसी की सजा को रद्द करने के लिए
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को चिट्ठी लिखी है. रविवार को सौंपी गई 15 पेज
की चिट्ठी में कई सियासी दलों के नेता, फिल्म कलाकार, कानूनविद और दूसरी
हस्तियां शामिल हैं. इनमें वरिष्ठ वकील रामजेठमलानी, कांग्रेस नेता मणिशंकर
अय्यर, सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी, बीजेपी नेता शत्रुघ्न सिन्हा,
अभिनेता नसीरुद्दीन शाह और महेश भट्ट के नाम भी शामिल हैं.